Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मूडीज ने भी घटाया ग्रोथ रेट का अनुमान,6.8 से 6.2 फीसदी किया 

मूडीज ने भी घटाया ग्रोथ रेट का अनुमान,6.8 से 6.2 फीसदी किया 

मूडीज ने कहा है कि 2024-25 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी बनना है तो हर साल 8 फीसदी के रेट से ग्रोथ जरूरी 

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सरकार की ओर से भरोसा दिलाने के बावजूद स्लोडाउन जारी है 
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सरकार की ओर से भरोसा दिलाने के बावजूद स्लोडाउन जारी है 
फोटो : द क्विंट

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क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने साल 2019 के लिए भारत के आर्थिक विकास दर का अनुमान घटा दिया है. रेटिंग एजेंसी ने पहले इंडियन इकनॉमी के 6.8 फीसदी के ग्रोथ का अनुमान लगाया था लेकिन अब इसने कहा है कि यह 6.2 फीसदी के रेट से बढ़ेगी. एजेंसी ने साल 2020 के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.30 से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है.

अर्थव्यवस्था अंतरराष्ट्रीय से ज्यादा घरेलू दबाव से परेशान

मूडीज ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का बहुत ज्यादा संबंध बाहरी दबाव से नहीं है. यह अपने घरेलू दबाव की वजह से ही खराब स्थिति में है. देश में नौकरियां नहीं पैदा हो रही हैं. फाइनेंशियल सेक्टर की हालत खराब है, ग्रामीण इलाकों में मांग में कमी है और एनबीएफसी कंपनियां भी मुश्किल में हैं. अगर भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट मूडीज के अनुमानों के मुताबिक ही होती है तो 2024-25 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी बनने का मकसद पूरा नहीं होगा.इस लक्ष्य को हासिल करने कि लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को हर साल आठ फीसदी की दर से बढ़ना होगा. वह भी तब महंगाई दर चार फीसदी पर ही रहे.

मूडीज ने कहा है कि अगर महंगाई दर चार फीसदी से नीचे रहती है तो 5 ट्रिलियन की इकनॉमी बनने के लिए भारत को हर साल आठ फीसदी की दर से भी ज्यादा तेजी से ग्रोथ हासिल करनी होगी.

मूडीज ने कहा कारोबार का माहौल ठंडा होने और कॉरपोरेट सेक्टर को कारोबार के लिए कर्ज मिलने की धीमी रफ्तार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को धीमा कर दिया है. आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती कर सक्रियता दिखाई है लेकिन फाइनेंशियल सेक्टर की दिक्कतों ने इसका असर कम कर दिया है.

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याद रहे, घरेलू अर्थव्यवस्था की ग्रोथ मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान घट कर 5.8 फीसदी रह गई . दूसरी तिमाही में भी अगर ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी रहती है तो इसे दूसरी छमाही में 6.6 फीसदी की ग्रोथ हासिल करनी होगी, तब जाकर 2019 में 6.2 फीसदी की ग्रोथ हासिल होगी.

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