Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बैकिंग में फिलहाल नहीं होगी टाटा-बिड़ला जैसे दिग्गजों की एंट्री, RBI का फैसला

बैकिंग में फिलहाल नहीं होगी टाटा-बिड़ला जैसे दिग्गजों की एंट्री, RBI का फैसला

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सुझाव को नहीं दी मंजूरी, बताया विचाराधीन

क्विंट हिंदी
बिजनेस
Published:
<div class="paragraphs"><p>रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया RBI</p></div>
i

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया RBI

Photo/QuintHindi

advertisement

भारत के बड़े कॉर्पोरेट्स के बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) में आने के सपने को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने लगभग तोड़ दिया है. आरबीआई की तरफ से कॉर्पोरेट्स घरानों के कर्मिशियल बैंकिंग में एंट्री पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. RBI की एक इंटरनल कमेटी के 33 सुझावों में से 21 को स्वीकार किया गया है. इसके बाद उन बड़े बिजनेस घरानों की उम्मीदों को झटका लगा है, जो बैकिंग सेक्टर में पूरी तरह उतरने का रास्ता तलाश रहे थे. जिनमें टाटा और बिड़ला जैसे दिग्गज शामिल हैं.

बाकी के 12 प्रस्ताव विचाराधीन

हालांकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने साफतौर पर ये नहीं कहा है कि इन बिजनेस घरानों के बैंकिंग सेक्टर में उतरने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. या इसे खारिज कर दिया गया है. जिनका राजनेता और पूर्व केंद्रीय बैंक के कर्मचारी विरोध करते आए हैं. आरबीआई की तरफ से कहा गया है ये सभी 12 प्रस्ताव विचाराधीन थे.

यानी रिजर्व बैंक ने फिलहाल कॉर्पोरेट्स के बैंकिंग सेक्टर में आने पर एक चुप्पी सी साध ली है. इसके अलावा आरबीआई ने प्राइवेट बैंकों में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी को भी आगे बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. जहां पहले प्रमोटर 15 फीसदी हिस्सेदारी रख सकते थे, वो अब आगे 26 फीसदी तक हिस्सेदारी रख पाएंगे.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

टाटा-बिड़ला की बढ़ेंगीं मुश्किलें

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा और बिड़ला जैसे इंडस्ट्रियल हाउसेस जो बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां चलाते हैं उन्हें दोहरी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि रिजर्व बैंक ने बताया है कि वो NBFC's के लिए भी सख्त नियम लागू करने जा रहा है. जैसे सख्त नियम बैंकों के लिए हैं, वही नियम NBFC पर भी लागू होंगे. आरबीआई ने उस प्रस्ताव को भी अभी के लिए रद्द कर दिया है, जिसमें 3 साल में पेमेंट बैंक को छोटे फाइनेंस बैंक में बदलने की बात कही गई थी. इससे पेटीएम जैसे पेमेंट बैंक को कमर्शियल बैंकिंग सेक्टर में उतरने में पेरेशानी हो रही है.

कमेटी के 33 में से जिन 12 प्रस्तावों को स्वीकार नहीं किया गया है, उन्हें पूरी तरह खारिज भी नहीं किया है. आरबीआई ने बताया है कि इन पर विचार चल रहा है. लेकिन फिलहाल तो बड़े बिजनेस घरानों के बैंकिंग सेक्टर में उतरने पर ब्रेक लग चुका है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT