Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019आरबीआई ने कहा-नहीं बेच रहे देश का सोना,मीडिया की खबरें गलत

आरबीआई ने कहा-नहीं बेच रहे देश का सोना,मीडिया की खबरें गलत

आरबीआई ने कहा है कि मूल्यांकन का आधार बदलने से सोने के रिजर्व में अंतर दिख रहा है

क्विंट हिंदी
बिजनेस
Published:
रिजर्व बैंक ने सोना बेचने की खबरों का खंडन किया है
i
रिजर्व बैंक ने सोना बेचने की खबरों का खंडन किया है
( फोटो altered by quint hindi)

advertisement

आरबीआई ने साफ किया है कि उसने अपने रिजर्व का सोना न तो बेचा है न वह इसका कारोबार कर रहा है. आरबीआई ने ट्वीट कर कहा है कि वीकली स्टेटिकल सप्लीमेंट (WSS) में सोने की मात्रा में जो अंतर दिख रहा है वह इसके मूल्यांकन के आधार को मासिक से साप्ताहिक करने की वजह से है. यह मूल्यांकन सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमत और एक्सचेंज रेट पर आधारित है.

रिजर्व ने अपने ट्वीट में कहा है

मीडिया के एक सेक्शन में ऐसी खबरें दिख रही हैं, जिनमें कहा गया है कि आरबीआई सोना बेच रहा है और इसका कारोबार भी कर रहा है. हम कहना चाहते हैं कि आरबीआई ने न तो कोई सोना बेचा है और न ही वह इसका कारोबार कर रहा है. 
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

आरबीआई ने मीडिया की खबरों का किया खंडन

दरअसल इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि आरबीआई अपने रिजर्व का सोना बेच रहा है. इसमें कहा गया है कि आरबीआई ने जुलाई में अपना बिजनेस इयर शुरू होने के बाद अब तक 5.1 अरब डॉलर का सोना खरीदा और 1.15 अरब डॉलर का सोना बेचा है. इस वक्त देश के विदेशी मुद्रा भंडार में ( 11 अक्टूबर की स्थिति) सोने की वैल्यू 26.7 अरब डॉलर की है.

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई के इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क पर विमल जालान की रिपोर्ट लागू करने के बाद ने गोल्ड ट्रेडिंग में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. इस साल अगस्त में आरबीआई के पास 1.99 करोड़ औंस सोने का रिजर्व था. अगस्त में ही रिजर्व बैंक ने जालान पैनल की रिपोर्ट लागू की थी. कमेटी ने कहा था कि रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट का 5.5 से 6.5 फीसदी को अलग-अलग रिस्क बफर के लिए रिजर्व रख कर बाकी सरप्लस सरकार को सौंप देना चाहिए.रिजर्व बैंक के सरप्लस इनकम को सरकार को सौंपने के सवाल पर विमल जालान कमेटी का गठन हुआ था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT