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यूं तो खरीफ की फसल आने के साथ ही बाजार में सब्जियों और अनाज के दाम में गिरावट आ जाती है. लेकिन इस बार इनके दाम में अब तक कोई नरमी देखने को नहीं मिली है. फल-सब्जियों और अनाज के दाम में गिरावट न होने से खुदरा महंगाई बढ़ने लगी है. इसके पीछे लेट मानसून की बारिश है, जिसने कई जगह फसलों को नुकसान पहुंचाया और सप्लाई चेन में अड़चन आ गई है.
बाजार में इस बार सब्जियों में टमाटर के दाम गिरे हैं लेकिन पिछले साल की तुलना में इनके दाम ज्यादा हैं. दरअसल अक्टूबर में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में बेमौसम की बारिश ने प्याज, टमाटर, तिलहन और दलहन के दाम बढ़ा दिए. संसद में उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि मार्च के बाद प्याज के दाम में 400 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
फल-सब्जी और दालों कीमत की वजह से रिटेल महंगाई नवंबर में 5.54 फीसदी पर पहुंच गई. अक्टूबर में यह 4.62 फीसदी पर पहुंच गई. यह 2016 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर था. वहीं 2018 के नवंबर में रिटेल महंगाई दर 2.33 फीसदी थी. रिटेल महंगाई के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में सब्जियों के दाम में 26.10 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया वहीं नवंबर में यह बढ़ कर 35.99 फीसदी हो गई.
इस बीच, खाद्य तेल के दाम में बढ़ोतरी दर्ज की गई है क्योंकि मलयेशिया और इंडोनेशिया से पाम तेल का आयात महंगा हो गया है. पिछले महीने की तुलना में कच्चे तेल के आयात में 15 फीसदी का इजाफा हो चुका है.
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