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इस महीने भारत इज ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग में 14 पायदान की छलांग के साथ 63वीं पोजीशन पर पहुंच गया. यानी देश में कारोबार करना और आसान हो गया है. लेकिन जम्मू-कश्मीर के किसी कारोबारी से पूछिये तो वह बिल्कुल अलग तस्वीर पेश करेगा.
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के बाद कम्यूनिकेशन लॉकडाउन से अब तक सभी सेक्टरों को मिला कर दस हजार करोड़ रुपये का कारोबारी नुकसान हो जुका है. कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का यह आंकड़ा यह बताने के लिए काफी है कि राज्य में कारोबार की किस कदर नुकसान पहुंचा है.यह सिर्फ आर्थिक नुकसान की बात है. लेकिन कश्मीर के चार टॉप के बिजनेसमैन को हिरासत में लिए जाने से जो कारोबारी माहौल खराब हुआ है उसका राज्य के कारोबार पर लंबा असर रहेगा.
कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रेसिडेंट शेख आशिक ने ‘द क्विंट’ से कहा
आशिक ने राज्य में कारोबारियों के सामने इस संकट का जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह राज्य से कारोबारी अपना निवेश वापस खींच रहे हैं. उन्होंने कहा, " आईटी सेक्टर ने अभी यहां जड़ें जमाना शुरू ही किया था. यहां के क्लाइंट यूरोप और अमेरिका के हैं. वे इस तरह की बाधाएं नहीं चाहते . इसलिए आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद यहां की कई कंपनियां दिल्ली और चंडीगढ़ चली गई हैं.
उन्होंने कहा अगर कोई नौजवान कारोबार करना चाहे और नौकरी पर निर्भर न रहना चाहे तो यह इस राज्य में अब कैसे संभव है. किसी भी बिजनेस के लिए शांति बुनियादी जरूरत है. हर चीज ढंग से चले और माहौल शांति का रहे तभी कारोबार पनप सकता है. कारोबार के लिए शांति चाहिए.
आशिक ने कहा कि कारोबार में आ रही अड़चनों के बारे में बताने पर भी प्रशासन से कोई आश्वासन नहीं मिला है. सरकार की इस फैसले से सब कुछ ठप सा हो गया है. पूरी जीएसटी व्यवस्था ऑनलाइन चलती है. ऐसे में जब इंटरनेट कनेक्शन ही नहीं होगा तो कोई जीएसटी रिटर्न कैसे भरेगा.
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