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सरकारी नौकरी से वॉलेंटियरी रिटायरमेंट लेने के करीब एक साल बाद पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग (SC Garg) ने कहा है कि उनके वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के साथ अच्छे कामकाजी संबंध नहीं थे और उनके सरकार से अचानक से बाहर आने का कारण भी वित्त मंत्री ही थीं. इसके अलावा गर्ग वित्त मंत्रालय के अलावा और कहीं काम नहीं करना चाहते थे इसलिए रिटायरमेंट लेने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा.
पूर्व वित्त सचिव ने अपने पत्र में ये भी लिखा कि वित्त मंत्री सीतारमण जैसे ने जैसी ही शपथ ली उसके एक महीने के बाद ही जून 2019 में उनके ट्रांसफर की सिफारिश की गई थी. बता दें कि पिछले साल सरकार ने IAS अधिकारी सुभाष चंद्र गर्ग का ट्रांसफर वित्त मंत्रालय से पावर मंत्रालय में कर दिया था. इसके बाद उन्होंने वॉलेंटियरी रिटायरमेंट के लिए आवेदन दिया. 31 अक्टूबर को ठीक उसी दिन गर्ग का सेवा से मुक्त कर दिया गया.
वित्त मंत्रालय के पूर्व अधिकारी गर्ग ने वित्त मंत्री के साथ खराब संबंधों पर बात करते हुए लिखा- मुझे नहीं पता कि उनके साथ मेरे संबंध क्यों खराब हुए. वो मेरे बारे में पहले से धारणा बनाकर आई थीं. उनको मुझ पर भरोसा नहीं था. वो मेरे साथ काम करने में भी सहज नहीं थीं.
गर्ग ने अपने पत्र में ये भी लिखा कि उन्होंने तब के एडिशनल प्रिंसिपल सेक्रेट्री पीके मिश्रा से भी चर्चा की. मिश्रा पीएमओ में तबादलों और नियुक्ति का काम देखते हैं. गर्ग ने लिखा कि पीके मिश्रा ने उन्हें 18 जुलाई को चर्चा के लिए बुलाया और हम इस नतीजे पर पहुंचे कि नई वित्त मंत्री को खुलकर काम करने दिया जाए.
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