advertisement
सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को NCLAT के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें NCLAT ने सायरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप का एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाए जाने का फैसला दिया था. टाटा संस ने नेशनल कंपनी लॉ एपेलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और 9 जनवरी को होने वाली टीसीएस की बोर्ड की बैठक को देखते हुए इसे स्थगित करने की मांग की थी. हालांकि मिस्त्री पहले ही कह चुके हैं कि वो टाटा संस का चेयरमैन नहीं बनना चाहते.
टाटा संस ने साइरस मिस्त्री को कंपनी के चेयरमैन के तौर पर बहाल किए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. लेकिन खुद साइरस मिस्त्री ने कहा था वो टाटा संस की एग्जीक्यूटिव चेयरमैनशिप नहीं लेंगे. इसी के साथ मिस्त्री ने TCS, टाटा टेलीसर्विसेज और टाटा इंडस्ट्रीज की डायरेक्टरशिप भी लेने से इनकार कर दिया है.
साल 2013 में रतन टाटा ने साइरस मिस्त्री को टाटा संस की कमान सौंपी थी. लेकिन कुछ ही दिनों में दोनों के बीच कई मामलों पर असहमति की खबरें आने लगीं थी.
दोनों के बीच तकरार की बड़ी वजह साइसर मिस्त्री की मौजूदगी में टाटा डोकोमो की हैंडलिंग ठीक से नहीं हो पाना भी एक बड़ी वजह माना जाता रहा है. इस मामले में कई केस हुए. इसमें कंपनी को हर्जाना भी भरना पड़ा. अमेरिका के कोर्ट में केस चल रहे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)