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दो दशक पुराने मामले में अंबानी परिवार और उनसे जुड़ी इकाइयों पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा है. मार्केट रेगुलेटर सेबी (Securities and Exchange Board of India-SEBI) ने मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी समेत कुछ लोगों पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
सेबी ने ये जुर्माना साल 2000 में रिलायंस इंडस्ट्रीज मामले में टेकओवर नियमों को पूरा नहीं करने के लिए लगाया है. बता दें कि साल 2005 में मुकेश और अनिल अंबानी के बीच कारोबार का बंटवारा हुआ था.
सेबी ने अपने 85 पेज के आदेश में लिखा है कि RIL के प्रमोटर और पर्संस एक्टिंग इन कॉन्सर्ट (PAC- मिली-भगत से काम करने वाले लोग) ने कंपनी में साल 2000 में 5 परसेंट से ज्यादा हिस्सेदारी का खुलासा नहीं किया था.
सेबी के आदेश के मुताबिक अंबानी परिवार के 15 लोगों पर जुर्माना लगा है. इन लोगों को 45 दिनों के अंदर संयुक्त रूप से जुर्माना भरना होगा.
सेबी के आदेश के मुताबिक आरआईएल ने साल 2000 में तीन करोड़ वारंट के जरिए 6.83 फीसदी हिस्सेदारी का अधिगृहण किया था. इन्हें यह वारंट साल 1994 में जारी किए गए थे.
उस समय, SEBI के अधिग्रहण नियमों के मुताबिक, आरआईएल प्रवर्तकों ने पीएसी के साथ मिलकर गैर-परिवर्तनीय सुरक्षित विमोच्य डिबेंचर से जुड़े वारंट को शेयर में बदलने के विकल्प का इस्तेमाल कर 6.83 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया. यह अधिग्रहण नियम के तहत निर्धारित 5 प्रतिशत की सीमा से अधिक था.
सेबी ने पाया कि प्रवर्तकों और पीएसी ने शेयर अधिग्रहण के बारे में कोई सार्वजनिक ऐलान नहीं किया था जोकि अधिग्रहण नियमों का उल्लंघन है.
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