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(Stock market) वैश्विक आर्थिक विकास के लिए बढ़ते खतरों और विशेष रूप से महंगाई को कम करने के लिए फेडरल रिजर्व की सख्त नीति को लेकर सोमवार को अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज गिर गए. जापान, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के बाजार भी अच्छी स्थिति में नहीं है. इस बीच कैसा होगा भारतीय शेयर बाजार?
भारतीय शेयर बाजार आठ कारोबारी सत्रों में लगातार ऊपर की ओर बढ़ा लेकिन शुक्रवार को इसमें बड़ी गिरावट आ गई. एनएसई का निफ्टी 198 अंक गिरकर 17,758 पर बंद हुआ जबकि बीएसई का सेंसेक्स 651 अंक टूटकर 59,646 के स्तर पर बंद हुआ. निफ्टी बैंक इंडेक्स 670 अंक गिरकर 38,985 अंक पर बंद हुआ. मिडकैप इंडेक्स (-1.3 फीसदी) निफ्टी के मुकाबले ज्यादा गिरा.
S&P 500 फ्यूचर्स 0.6% गिरा (टोक्यो में सुबह के 9 बज कर 26 मिनट तक का डेटा), S&P 500 1.3% गिरा
Nasdaq 100 फ्यूचर्स 0.7% गिरा. The Nasdaq 100 2% गिरा, Dow Jones भी 0.86 फीसदी गिरा
जापान का टॉपिक्स index 0.7% गिरा
ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 इंडेक्स 1.1% गिरा
साउथ कोरिया का Kospi इंडेक्स 1.2% गिरा
हेंग सेंग इंडेक्स फ्यूचर्स 0.9% गिरा
निफ्टी जो 18,000 के स्तर को पार कर सकता था उसने अब यू-टर्न ले लिया है और वह नीचे गिर रहा है. सीएनबीसी से बातचीत में एचडीएफसी सिक्योरिटीज के टेक्निकल रिसर्च एनालिस्ट नागराज शेट्टी ने कहा कि, अगले 1-2 हफ्तों में निफ्टी के 17,300 तक लुढ़कने की संभावना है. अगर आज कल की बात करें तो फिलहाल यह 17,850 के आसपास कारोबार कर सकता है.
नागराज शेट्टी ने निफ्टी 50 को लेकर यह भी बताया कि यह एक नेगेटिव ट्रेंड सेट कर रहा है. निफ्टी का ट्रेंड शेयर मार्केट के लिए अच्छा नहीं है. शॉर्ट टर्म में यह अभी कमजोर ही रहने वाला है.
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