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पैसे कमाने और बढ़ाने हैं, तो एक बार फिर साबित हो गया है कि म्यूचुअल फंड में एसआईपी सबसे अच्छा और कम जोखिम वाला नुस्खा है. सेंसेक्स और निफ्टी ने पिछले एक साल में 12 से 15 परसेंट ही रिटर्न दिया है, लेकिन टॉप 5 म्यूचुअल फंड की कमाई 18 से 25 परसेंट के बीच रही है. इसलिए अब कमाई बढ़ाने के लिए जरूरी है कि एसआईपी के बारे में जान लीजिए.
आपने शेयर बाजार में डायरेक्ट या इनडायरेक्ट निवेश किया है, तो बाजार के गिरने पर घबराहट होती होगी, पर डरने की कोई जरूरत नहीं. शेयर बाजार के चढ़ने पर लगता होगा कि काश थोड़ा और पैसा पहले लगाया होता, पर पछताने की कोई बात नहीं. बस अपनी सहूलियत के मुताबिक रकम नियमित तौर पर एसआईपी के जरिए लगाते जाइए.
हालांकि ये याद रखिए कि शेयर बाजार में जोखिम होता है, इसलिए मिनिमम कमाई की गारंटी नहीं. जैसे बीएसई स्मॉल कैप और मिडकैप ने पिछले सालभर में कोई रिटर्न नहीं दिया है. ध्यान रखिए आपके पैसे को बढ़ने के लिए उसी तरह वक्त की जरूरत होती है, जैसे किसी बीज को पेड़ बनने के लिए.
एक साल में यानी 18 जुलाई 2017 से 18 जुलाई 2018 के बीच शेयर बाजार में चुनिंदा दिग्गज शेयरों ने तो कमाई की है, पर छोटे और मझोले शेयरों के इंडेक्स में कोई कमाई हाथ नहीं लगी है.
हालांकि जुलाई से जनवरी 2018 के बीच इन दोनों ही इंडेक्स ने 20-20 फीसदी का उछाल देखा था, लेकिन जनवरी के बाद से शेयर बाजार में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की पिटाई ज्यादा हुई है, और ये साल भर पहले के स्तर पर पहुंच गए हैं.
जुलाई 2017 से जुलाई 2018 के बीच इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों ने सेंसेक्स और निफ्टी से ज्यादा कमाई कराई है. टॉप 7 इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों ने 18 परसेंट से 25 परसेंट के बीच कमाई कराई है.
अच्छी म्यूचुअल फंड स्कीमों में निवेश का यही फायदा है कि शेयर बाजार में कितना भी उतार-चढ़ाव हो, आपका पैसा काम करता रहता है. हां, रफ्तार धीमी या तेज हो सकती है. अगर आप एसआईपी के जरिए निवेश करते हैं, तो आपको शेयर बाजार की उठापटक का झटका और कम लगेगा.
दौलत बढ़ाना अगर मकसद है, तो लंबी अवधि के निवेशकों को हर हालात में एसआईपी जारी रखनी चाहिए. जब कीमतें नीचे जाती हैं, तो एसआईपी के जरिए आप ज्यादा फंड यूनिट खरीदते हैं. तो अगर आप इस तरीके से निवेश करते हैं, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है.
लेकिन अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो की सेहत दुरुस्त रखने के लिए कुछ बातों का खयाल जरूर रखें.
टिप्स मिल गई हैं, अब देर मत कीजिए एसआईपी में निवेश कीजिए. बस एक बात ध्यान में रखिए निवेश करते वक्त हर स्कीम के बारे में पूरी तहकीकात कर लीजिए. जरूरत लगे, तो निवेश सलाहकार की मदद भी ले लीजिए.
(धीरज कुमार अग्रवाल जाने-माने जर्नलिस्ट हैं. इस आर्टिकल में छपे विचार उनके अपने हैं. इसमें क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है)
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