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सबकी जेब में आएगी तनख्वाह? बजट में है ऐसी स्कीम!

सर्वे में कहा गया है कि सब्सिडी का फायदा उन लोगों को नहीं मिल पाता, जिन्हें सीधे तौर पर मिलना चाहिए.

नवनीत गौतम
बिजनेस
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(फोटो: द क्विंट)
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(फोटो: द क्विंट)
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हमने 4 दिसंबर को बताया था कि सरकार की तरफ से यूनिवर्सल इनकम स्कीम जैसी कोई योजना आ सकती है. (यहां देखें स्टोरी) आज सरकार के आर्थिक सर्वे में भी इसका संकेत दिया गया.

सर्वे में कहा गया है कि सारी सब्सिडी को हटाकर ऐसी योजना लाई जाए, जिसमें देश के जिन लोगों को फायदा देना है, उन्हें एक तय रकम दे दी जाए. मतलब यह है कि देश के बड़े तबके को एक सैलरी.

देर भले हो, लेकिन चर्चा जरूरी

सर्वे में कहा गया है कि इसे लागू होने में भले ही थोड़ी देरी हो जाए, लेकिन इस मसले पर चर्चा जरूर होनी चाहिए. सर्वे में यह भी कहा गया है कि इस मसले पर चर्चा के लिए यह सबसे सही समय है. ऐसे में सभी आर्थिक जानकारों का आकलन है कि सरकार की तरफ से यूनिवर्सल बेसिक इनकम को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

इस स्कीम की शुरुआत कुछ पश्चिमी देशों में भी हो चुकी है, हालांकि इसके लिए बड़ी मात्रा में फंड जुटाना सबसे बड़ी चुनौती होगी.

सब्सिडी का नहीं मिलता फायदा

सर्वे का कहना है कि सब्सिडी का फायदा उन लोगों को ठीक से नहीं मिल पाता है, जिन तक फायदा पहुंचाने की जरूरत है. यूनिवर्सिल इनकम स्कीम के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है. ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि यदि यह स्कीम लागू की जाती है, तो कई सब्सिडी सीधे तौर पर खत्म की जा सकती हैं.

गरीबों की संख्या में आएगी कमी

सर्वे का अनुमान है कि जीडीपी का 4-5 परसेंट खर्च करके गरीबों की संख्या में आधे परसेंट की कमी की जा सकती है. यूनिवर्सिल इनकम स्कीम को ठीक से लागू करने के लिए सर्वे ने जैम ट्रिनिटी की बात की है. जैम मतलब जनधन, आधार और मोबाइल फोन. अगर यह सिस्टम दुरुस्त हो जाता है, तो सब्सिडी पर खर्च होने वाली रकम से ही देश के बड़े तबके को नियमित तौर पर रकम ट्रांसफर की जा सकती है.

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