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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने (RBI) ने ब्याज दरों में चौथाई फीसदी की कटौती की है. कटौती का ये फैसला आरबीआई गर्वनर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया है.
जनवरी 2015 के बाद से अबतक करीब 6 बार कटौती की जा चुकी है. कटौती के फैसले के बाद आरबीआई ने कहा है कि बैंक ब्याज दरों में कटौती का सीधा फायदा ग्राहकों को दें.
कटौती का फैसला मॉनिटरी कमेटी की दो दिन का बैठक के बाद लिया गया. ब्याज दरों में कटौती से विकास दर में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है. आरबीआई का मानना है कि फिलहाल महंगाई बढ़ने की आशंका नहीं है.
इसके पीछे अच्छे मानसून होने और कम होती इंडस्ट्रियल ग्रोथ (अगस्त- 2.4%) और जून क्वार्टर में जीडीपी ग्रोथ रेट का कम होकर 7.1 % रहना बताया जा रहा है.
ब्याज दर कम होने से बाजार में बैंकों से लोन के जरिए पैसा अधिक मात्रा में आ जाता है. यह पैसा विकास के लिए निवेश का काम करता है.
सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने और जीएसटी लागू के होने के बाद महंगाई पर क्या असर होता है यह देखना बाकी है.
इस क्वार्टर में इकोनॉमी 7.1 % की दर से बढ़ी. यह पिछले 6 क्वार्टर में सबसे कम विकास दर थी. लेकिन अब ब्याज दर के कम होने से बढ़ने वाली पैसे की सुलभता से इकोनॉमी के मजबूत होने की आशा जताई जा रही है. साथ ही अच्छे मानसून, अक्टूबर के फेस्टिव सीजन और कर्मचारियों की बढ़ती तनख्वाह से इसके और मजबूत होने की उम्मीद की जा रही है.
पैनल के सदस्य: उर्जित पटेल- आरबीआई गवर्नर, प्रोफेसर चेतन घाटे,रवींद्र ढोलकिया, पामी दुआ, आर गांधी और माइकल.
इस मुद्दे पर आज शाम 4 बजे से फेसबुक लाइव पर हमारे साथ जुड़ रही हैं इला पटनायक. इला पटनायक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस में प्रोफेसर हैं और भारत सरकार की प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर रह चुकी हैं. आप इस मुद्दे से जुड़े सवाल सीधे उनसे पूछ सकते हैं. इसके लिए आपको फेसबुक लाइव के वक्त कमेंट बॉक्स में अपना सवाल रखना होगा.
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