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भारत सरकार की यूथ इन इंडिया, 2017 की रिपोर्ट कहती है कि देश में साल 1971 से 2011 के बीच युवाओं की आबादी 16.8 करोड़ से बढ़कर 42.2 करोड़ हो गई है, यानी कुल आबादी का 34.8 फीसदी. ऐसे में युवाओं के लिहाज से दुनिया का सबसे अमीर देश भारत है, जाहिर है कि इसका नतीजा भी दिख रहा है. 26 सितंबर को हुरुन रिच इंडिया लिस्ट जारी की गई.
देश के सबसे अमीर लोगों की इस लिस्ट में 34 ऐसे लोग हैं जिनकी उम्र 40 से कम है. लिस्ट में सबसे युवा रईस के तौर पर मैनकाइंड फार्मा के एकलव्य जुनेजा का नाम है. वो इस कंपनी की 12 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं, कंपनी की स्थापना एकलव्य के पिता राजीव जुनेजा ने की थी.
हुरुन लिस्ट के मुताबिक, देश के युवा नई टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करके अपने स्टार्टअप को ऊंचाईयों तक पहुंचा रहे हैं. ई-कॉमर्स, ई-ट्रेड, मीडिया और इंटरनेट से मार्केट का चेहरा बदलकर न केवल इन युवाओं ने बेशुमार दौलत कमाया है, साथ ही देश में जॉब्स पैदा करने में भी इनका बड़ा योगदान है.
ऐसे में जानते हैं देश के 40 साल से कम उम्र के उन 5 सबसे अमीर लोगों के बारे में जिन्होंने अपने दमपर ये शोहरत और दौलत हासिल की है.
जिस उम्र में बच्चे लूडो और कैरमबोर्ड खेल रहे होते हैं उस उम्र में दिव्यांक ने कंप्यूटर प्रोग्राम्स की कोडिंग शुरू कर दी थी. गुजराती परिवार से संबंध रखने वाले दिव्यांक तुरखिया ने टीनेज में ही अपने बड़े भाई भाविन के साथ मिलकर कंपनी शुरू कर दी.
खास बात ये है कि शुरुआती इन्वेस्टमेंट के नाम पर उनके पास अपने पापा के दिए गए 25 हजार रुपये ही थे.टेक्नॉलजी के दमपर दिव्यांक तुरखिया आज देश के सबसे युवा अमीरों में पहला स्थान रखते हैं.
सीख: नए आइडिया की कमी है तो टेक्नॉलजी में महारत हासिल कर भी आप अपने सपनों को पंख दे सकते हैं.
'शर्माजी के लड़कों' पर देशभर में कई वीडियोज और चुटकुले बने हैं, जैसे की शर्माजी का लड़का आईआईटीएन बन गया, शर्माजी का लड़का विदेश चला गया. ऐसे में पेटीएम के मालिक विजय शेखर ‘शर्मा’ का नाम भी इसी उदाहरण में शामिल है, विजय के पड़ोस में रहने वाले बच्चों को अपने परिवार वालों से खूब सुनना पड़ता होगा.
पिछले साल हुई नोटबंदी का सबसे ज्यादा फायदा विजय शेखर शर्मा के मोबाइल वॉलेट पेटीएम को हुआ था. पेटीएम की इन्वेस्टर्स में चीन की दिग्गज कंपनी अलीबाबा है.
39 साल के विजय शेखर का जन्म यूपी के अलीगढ़ जिले में हुआ था. मध्यम वर्गीय परिवार के विजय ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से अपना ग्रेजुएशन किया. कॉलेज के दौरान से ही उन्होंने अपनी किस्मत टेक्नॉलजी के भरोसे बदलने की शुरुआत कर दी थी.
सीख- अगर आइडिया नया है तो उसे जल्द से जल्द शुरू कर दें. मंजिलें कदम चूम लेंगी.
फ्लिपकार्ट के फाउंडर बिन्नी बंसल की कुल संपत्ति 5,400 करोड़ रुपये है. बिन्नी ने देश में ई-कॉमर्स की तस्वीर बदलकर रख दी है. घर-घर तक दस्तक देने वाली फ्लिपकार्ट कंपनी ने ग्लोबल जाएंट अमेजन और अलीबाबा जैसी कंपनियों को जोरदार टक्कर दी है और लगातार दूसरी छोटी कंपनियों को खरीदकर इस सेक्टर के बादशाह बने रहने में कामयाबी हासिल की है. फ्लिपकार्ट में सॉफ्टबैंक, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों का निवेश है.
सीख- आइडिया कहीं से उठाया जा सकता है, उसके एग्जीक्यूशन का तरीका अलग होना चाहिए.
सचिन बंसल फ्लिपकार्ट कंपनी में बिन्नी के पार्टनर हैं. सचिन की भी कुल संपत्ति 5,400 करोड़ रुपये है. बहुत लोगों को ये गलतफहमी है कि बिन्नी-सचिन भाई हैं. ये दोनों सगे भाई तो नहीं हैं लेकिन 'बिजनेस भाई' हैं. बिन्नी की ही तरह सचिन ने भी IIT दिल्ली से पढ़ाई की और अमेजन में काम किया. फिर दोनों ने मिलकर फ्लिपकार्ट को बनाया.
जब बात हो रही है अमीरों की तो मिलिए एक ऐसे टीचिंग एंटरप्रेन्योर बाइजू रवींद्रन से जिन्होंने पढ़ाने के शौक को अपना फुल टाइम करियर बनाया और अब देश के सबसे अमीर लोगों में शामिल हैं. बाइजू रविंद्रन एडुटेक स्टार्टअप 'थिंक एंड लर्न' के फाउंडर हैं.
सीख- किसी भी काम को अगर प्रोफेशनल तरीके और नए आइडिया के साथ शुरु करेंगे तो फ्यूचर हर जगह हैं.
इन 5 युवा 'रईसों' की कहानी टेक्नॉलजी, मीडिया, टीचिंग और दूसरे सभी प्रोफेशन से जु़ड़े लोगों के लिए मिसाल है. अब तय आपको करना है कि अपने सपने को पूरा करने के लिए खुद का काम करना है या किसी दूसरे के सपने को पूरा करने के लिए उसका काम.
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