Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मैनेजमेंट,ऑडिटर्स, डायरेक्टर्स की ‘मंडली’ ने IL&FS को लगाया चूना

मैनेजमेंट,ऑडिटर्स, डायरेक्टर्स की ‘मंडली’ ने IL&FS को लगाया चूना

IL&FS घोटाले के दोषियों के खिलाफ SFIO ने ग्रुप की वित्तीय सेवा सब्सिडरी IFIN के टॉप मैनेजमेंट को घेरे में लिया है.

क्‍व‍िंट हिंदी
बिजनेस
Published:
IL&FS घोटाले के दोषियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए SFIO ने ग्रुप की वित्तीय सेवा सब्सिडरी IFIN के टॉप मैनेजमेंट को घेरे में लिया है.
i
IL&FS घोटाले के दोषियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए SFIO ने ग्रुप की वित्तीय सेवा सब्सिडरी IFIN के टॉप मैनेजमेंट को घेरे में लिया है.
(फोटो: Reuters)

advertisement

इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (IL&FS) घोटाले के दोषियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) ने ग्रुप की वित्तीय सेवा सब्सिडरी IFIN के टॉप मैनेजमेंट को घेरे में लिया है. SFIO का कहना है कि IFIN के टॉप मैनेजमेंट के सदस्यों ने उसके आडिटरों और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की ‘मंडली’ के साथ मिलकर कंपनी को अपनी जागीर की तरह से चलाया और उसके साथ धोखाधड़ी की. ग्रुप में कुल 90,000 करोड़ रुपये के कर्ज की चूक हुई है.

एसएफआईओ के पहले चार्जशीट में सिर्फ एक इकाई आईएफआईएन का जिक्र है. ग्रुप की मूल कंपनी IL&FS और अन्य सब्सिडरी कंपनियों की जांच चल रही है.

आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी

अधिकारियों ने बताया कि आईएफआईएन के पूर्व एग्जिक्यूटिव्स और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स के खिलाफ अभियोजन और उनकी संपत्तियों को कुर्क करने के अलावा एसएफआईओ आडिटरों की सभी चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी कर रहा है. इनमें लॉकर, बैंक खाते और संयुक्त रूप से रखी गई संपत्तियां शामिल हैं. एसएफआईओ आईएफआईएन द्वारा बैंकों से लिए गए सभी कर्जों का ब्योरा जुटा रहा है और साथ ही बैंकों और उनके अधिकारियों और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की भूमिका की जांच कर रहा है.

देखें वीडियो - आधे-अधूरे मन से IL&FS संकट सुलझाना मोदी सरकार के लिए बेहद मुश्किल

सएफआईओ ने पहली चार्जशीट 400 से ज्यादा इकाइयों के खातों की जांच के बाद दायर की है. इसके तहत गहन फॉरेंसिक आडिट किया गया है. इनमें IL&FS के दफ्तरों के लैपटॉप और डेस्कटॉप से निकाले गए आंकड़ों को शामिल किया गया है. साथ ही एसएफआईओ ने कंपनी के सर्वरों से निकाले गए ई-मेल, रिजर्व बैंक की जांच रिपोर्ट, बैठक के ब्योरे और अन्य दस्तावेजों का अध्ययन किया है और सरकार द्वारा नियुक्त IL&FS के नए बोर्ड की रिपोर्ट पर गौर किया है.

यह बड़ा घोटाला पिछले साल सामने आया था. IL&FS और उसकी सब्सिडरी कंपनियों ने नकदी संकट की वजह से कई भुगतान में चूक या डिफॉल्ट किया था. मार्च, 2018 तक IL&FS और उसकी सब्सिडरीज पर बैंकों और अन्य कर्जदाताओं का 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया था.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

ये हैं आरोप

पिछले शुक्रवार को मुंबई की विशेष अदालत के सामने दायर चार्जशीट में एसएफआईओ ने 30 इकाइयों और लोगों के खिलाफ आरोप लगाए हैं. आईएफआईएन के पूर्व टॉप मैनेजमेंट पर कंपनी, उसके शेयरधारकों और कर्जदाताओं के हितों को नुकसान पहुंचाने की मंशा से धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है. इससे कंपनी को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया गया. इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने 'मंडली' के तौर पर काम किया और अन्य लोगों के साथ साठगांठ कर रिजर्व बैंक के निर्देशों का उल्लंघन किया.

एसएफआईओ के आरोपपत्र में डेलॉयट हास्किंस एंड सेल्स एलएलपी और बीएसआर एंड एसोसिएट्स का नाम शामिल है. जांच एजेंसी ने कहा कि कंपनी ने जो वित्तीय ब्योरा या बयान जमा किया है, उसमें सही स्थिति के बारे में नहीं बताया. जबकि 2010-11 से 2017-18 के दौरान दिए गए वित्तीय ब्योरे में मान्य लेखा मानकों का पालन नहीं किया गया. एक डायरेक्टर ने कर्ज लेने वाली कंपनी में अपने हित का जिक्र नहीं किया, जबकि उस कंपनी में उसकी पत्नी और बेटी बोर्ड में थीं.

एसएफआईओ ने जिस मंडली की पहचान की है उसमें रवि पार्थसारथी, हरि शंकरन, अरुण साहा, रमेश बावा, विभव कपूर और के रामचंद के नाम शामिल हैं. ये सभी लोग IL&FS की विभिन्न कंपनियों में टॉप मैनेजमेंट स्तर के पदों पर थे.

एसएफआईओ ने कहा कि उसकी जांच में यह सामने आया कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के तौर पर आईएफआईएन ने शिवा, एबीजी, ए2जेड, पार्श्वनाथ और कई अन्य कंपनियों को कर्ज दिया, जबकि इनमें से कई कर्ज की वापसी समय पर नहीं कर रही थीं.

(इनपुट: PTI)

ये भी पढ़ें - IL&FS संकट सुलझाने के लिए मोदी को मनमोहन-जसवंत से सीखने की जरूरत

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT