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देश की खराब आर्थिक हालत की झलक शेयर बाजार में दिख रही है. निवेशक बाजार से दूर होते जा रहे हैं. जाहिर है ऐसे हालात में निवेशकों का रुझान गोल्ड से सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ता जा रही है. यही वजह है कि देश में गोल्ड का आयात बढ़ रहा है और इस वजह से कीमत भी. लेकिन यह स्थिति देश की आर्थिक सेहत के लिए अच्छी नहीं है. मशहूर उद्योगपति और कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी उदय कोटक ने इस पर ट्वीट कर चिंता जताई है. उन्होंने लिखा है कि हम गोल्ड के लिए अपनी घरेलू बचत बाहर भेज रहे हैं.
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देकर कहा है कि 2011 से 2019 के दौरान हमारे देश में 245 अरब डॉलर का गोल्ड और जवाहरात का आयात हुआ. इसके लिए हमने 245 अरब डॉलर बाहर भेजे. इस दौरान हमारे यहां 145 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया. यानी हमने 100 अरब डॉलर की घरेलू बचत बाहर भेज दी. विदेशी बचतकर्ताओं ने हमारी टॉप कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी और हमने सोना. क्या यह भारत के कारोबार के लिए ठीक है?
कोटक ने लिखा है कि सोने ने पिछले एक साल में अच्छा रिटर्न दिया. लेकन यह अन प्रोडक्टिव इनवेस्टमें है. भारतीयों को गोल्ड से प्यार है और वे घरेलू बचत को इसे खरीदने के लिए बाहर भेज रहे हैं. जबकि देश के चालू खाते का घाटा बढ़ता जा रहा है. लोगों के घरों और मंदिरों में बड़ी मात्रा में सोना पड़ा है. देश में मौजूद सोने को री सर्कुलेट करने की जरूरत है. जितनी जल्दी हो सके गोल्ड का आयात घटाया जाना चाहिए. यह देश की आर्थिक सेहत के लिए ठीक नहीं है.
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