Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Budget 2022: बढ़ती महंगाई, घटती कमाई...FM के 'लाल बैग' से क्या हैं उम्मीदें?

Budget 2022: बढ़ती महंगाई, घटती कमाई...FM के 'लाल बैग' से क्या हैं उम्मीदें?

बजट से पहले आई ऑक्सफैम की रिपोर्ट बताती है कि 2021 में भारत में 84% परिवारों की आय में गिरावट आई है.

क्विंट हिंदी
बिजनेस
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Budget 2022: बढ़ती महंगाई, घटती कमाई...FM के 'लाल बैग' से क्या हैं उम्मीदें?</p></div>
i

Budget 2022: बढ़ती महंगाई, घटती कमाई...FM के 'लाल बैग' से क्या हैं उम्मीदें?

क्विंट हिंदी

advertisement

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को देश का आम बजट (Union Budget 2022) पेश करेंगी लेकिन उससे पहले ऑक्सफैम की हालिया रिपोर्ट 'इनइक्वलिटी किल्स' में कहा गया है कि 2021 में देश के 84% परिवारों की आय में गिरावट आई है.

पीपुल्स रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकोनॉमी (PRICE) द्वारा आयोजित ICE360 सर्वे 2021 में भी कहा गया है कि सबसे गरीब 20% भारतीय परिवारों की सालाना आय में 53% जबकि लोवर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास की इनकम में 32% और 2% की गिरावट आई है.

दूसरी तरफ भारत की खुदरा महंगाई दर (RPI) दिसंबर 2021 में बढ़कर 5.59 प्रतिशत हो गई, जो नवंबर में 4.91 प्रतिशत थी. वहीं थोक महंगाई दर (WPI) भी नवंबर 2021 में 14.24 प्रतिशत पर पहुंच गई थी जिसमें दिसंबर में थोड़ी ही गिरावट देखने को मिली है.

इससे जाहिर है एक तरफ लोगों की इनकम में गिरावट आई है तो दूसरी तरफ महंगाई (Inflation) बढ़ रही है जिससे लोगों के हाथ में पैसा नहीं बच रहा. ट्रैवल एंड टूरिज्म, रिटेल, रेस्टोरेंट और एंटरटेनमेंट सेक्टर भी कोरोना के चलते लगे प्रतिबंधों के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

इन सब के बीच वित्त मंत्री अपने 'लाल थैले' से बही-खाता (आम बजट) निकालने वाली हैं, तो आम लोगों को उम्मीदें भी भरपूर हैं.

स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि की मांग

एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि की सीमा 50 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर सकती है. हालांकि लोगों की मांग है कि इसे एक लाख नहीं तो कम से कम 75,000 हजार रुपये बढ़ाना ही चाहिए. इसमें बढ़ोतरी होने से लोगों को होम लोन के ब्याज और लोन के पुनर्भुगतान पर सीधा-सीधा फायदा होगा.

टैक्स छूट पर आय की सीमा बढ़ाने की जरूरत

सरकार को टैक्स छूट के लिए आय की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की जरूरत है. अभी सालाना 2.5 लाख रुपये तक की आय टैक्स के दायरे में नहीं आती है. इसके अलावा जिनकी आय 5 लाख रुपये से कम है उन्हें 12,500 रुपये का रिबेट दिया जाता है. हालांकि सरकार की आर्थिक मजबूरियां देखते हुए इसमें बढ़ोतरी की उम्मीद कम ही है.

सेक्शन 80 C के तहत डिडक्शन में वृद्धि

इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत अभी वेतनभोगियों को सालाना 1.5 लाख रुपये का डिडक्शन मिलता है. इसे बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की जरूरत है क्योंकि इसके तहत कई टैक्स सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स जैसे पीपीएफ, ईएलएसएस, इंश्योरेंस और ट्यूशन फीस जैसी चीजें आती हैं.

'वर्क फ्रॉम होम' कर्मचारियों को भत्ते की उम्मीद

मौजूदा कोरोना स्थिति को देखते हुए ज्यादातर कर्मचारी अपने-अपने घरों से काम कर रहे हैं. कर्मचारियों को इंटरनेट, किराया, बिजली, फर्नीचर, आदि खर्चों को पूरा करने के लिए भत्ता दिए जाने की जरूरत है. डेलॉइट इंडिया ने घर से काम करने वाले कर्मचारियों को 50,000 रुपये सालाना अतिरिक्त भत्ता दिए जाने की संभावना जताई है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

कोरोना से प्रभावित सेक्टर्स को मदद की उम्मीद

कोरोना के चलते बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां गई हैं और आय में गिरावट आई है. ट्रैवल एंड टूरिज्म, रिटेल, रेस्टोरेंट और एंटरटेनमेंट सेक्टर इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं जिन्हें इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं. सरकार इन सेक्टर्स के लिए अलग से घोषणाएं कर सकती है.

कृषि सेक्टर को सबसे बड़ी उम्मीद 

आम बजट 2022 से शायद सबसे ज्यादा उम्मीदें किसानों को हैं. बीते एक साल में यूरिया की कीमतें लगभग तीन गुनी और डीएपी की कीमतों में लगभग दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है. किसान अलग-अलग हिस्सों में डीएपी खाद के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं. कोरोना के चलते ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है.

आगामी बजट में सरकार से 1.3 लाख करोड़ रुपए की उर्वरक सब्सिडी की उम्मीद की जा रही है और साथ ही बीज, खाद, सिंचाई और ट्रैक्टर इत्यादि से फसलों में आने वाली लागत पर भी किसानों को राहत की उम्मीद है.

बैंकिंग और बीमा सेक्टर को भी उम्मीदें

बैंक और MSME इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के अनुसार समर्थन की मांग कर रहे हैं, जिसमें बैंकों और एनबीएफसी द्वारा दिए गए कर्जों पर राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी की 100 फीसदी क्रेडिट गारंटी शामिल है.

कोरोना महामारी के चलते स्वास्थ्य बीमा लोगों के लिए प्राथमिकता है. बीमा विशेषज्ञों की मांग है कि हेल्थ कवर को 5% GST स्लैब में रखा जाए ताकि इसे ज्यादा किफायती बनाया जा सके.

खाद्य तेल और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स

पिछले कुछ समय में महंगाई में जो बढ़ोतरी देखने को मिली है उसका बड़ा कारण पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में बेतहाशा वृद्धि है. पेट्रोल, डीजल के अलावा खाने के तेल के दाम आसमान छू रहे हैं, जिसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ा है. सरकार से बजट में इनके दामों पर एक्शन की उम्मीद है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 25 Jan 2022,06:20 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT