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5 साल पहले समाजवादी पार्टी को 2012 के विधानसभा चुनाव में भारी मतों से जीत मिली थी. एक युवा नेता में उत्तर प्रदेश की जनता ने अपार आस्था प्रकट कर उसे अपना रहनुमा बनाया था. ये युवा नेता कोई और नहीं, अखिलेश यादव थे.
इन 5 वर्षों में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जनता की उम्मीदों को न सिर्फ साकार किया, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति को भी नई दिशा दी है. अब से पहले उत्तर प्रदेश में राजनीति अमूमन धर्म और जाति के जकड़न में बंधी रहती थी, आज जब उत्तर प्रदेश में चुनाव हो रहे हैं तो विपक्षियों को भी विकास की बातें करने पर मजबूर होना पड़ा है. और इसकी एकमात्र वजह अखिलेश यादव हैं.
दरअसल अखिलेश यादव के युवा नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास की जिस डगर पर बढ़ चला है उसे आज कोई इनकार नहीं कर सकता है. एक परिपक्व नेता की तरह अखिलेश यादव ने 5 साल में उत्तर प्रदेश में कई ऐसी जनकल्याणकारी योजनाओं की नींव डाली, जो प्रदेश की जनता के लिए किसी जश्न से कम नहीं.
समाजवादी सरकार की योजनाओं की वजह से राज्य आत्मनिर्भर और विकसित हुआ है. कृषि, एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं, मानव संसाधन का विकास, स्वास्थ्य और मेडिकल सुविधाओं के साथ-साथ शहरी और ग्रामीण विकास के जरिए अखिलेश सरकार ने गरीबों और पिछड़ों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है. युवाओं,महिलाओं,बच्चों और गरीबों की शिक्षा,रोजगार के लिए अखिलेश सरकार ने कई अहम योजनाओं को शुरू किया है.
समाजवादी पार्टी का मकसद प्रदेश का विकास, जनता की खुशहाली है और अखिलेश यादव के नेतृत्व में यूपी इस ओर बढ़ चला है। विकास चूंकि सतत और अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है, इसलिए अब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश को विकास की अगली बुलंदी तक पहुंचने में जुट गए हैं. आइये जानते है उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए इस बार क्या प्रमुख योजनाएं बनाई हैं...
प्रदेश की जनता तो समाजवादी सरकार की 108 एंबुलेंस सेवा से काफी राहत मिली. दूर-दराज के गांव में रहने वाले लोगों को मेडिकल इमरजेंसी में 108 नंबर का सहारा था और अब ये सुविधा पशुओं के वलिए शुरू की जाएगी. अगर किसी किसान का पशु बीमार रहा तो एक कॉल पर डॉक्टर और दवा पहुँच जाएगी.
2012 में सत्ता में आते ही समाजवादी सरकार ने प्रदेश की जनता के कल्याण के लिए कई विकास योजनाओं की शुरुआत की. बगैर किसी देरी की ये सारी योजनाएं फाइलों से निकल कर जमीन पर आ गईं. समाजवादी पेंशन से गरीब महिलाओं को हर माह 500 रुपये की मदद तो लोहिया आवास योजना के जरिए सस्ते घर उपलब्ध कराए गए. किसान इंश्योरेंस स्कीम और कृषि ऋण माफी जैसे कदम सेअन्नदाताओं की मदद की गई. अब अखिलेश सरकार महिलाओं के लिए प्रेशर कुकर, कामगारों के लिए मिड-डे मील और हर तरह के पेंशन की राशि बढ़ा कर प्रति माह 1000 रुपये देने की योजनाएं लेकरआ रही है. इरादा एक करोड़ लोगों तक मदद पहुँचाना है.
समाजवादी पार्टी की सरकार ने किसानों और पशुपालकों के उत्थान के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मुहैया कराने के लिए कामधेनु, मिनी कामधेनु और माइक्रो कामधेनु योजना की शुरुआत की. कामधेनु योजना में जहां 100 दुधारू पशुओं की 300 यूनिट, वहीं मिनी कामधेनु योजना में 50 दुधारू पशुओं की 1500 और माइक्रो कामधेनु योजना में 25 दुधारू पशुओं की 2500 यूनिट स्थापित करने की व्यवस्थाकी गई है. इसी का नतीजा रहा कि उत्तर प्रदेश में रोजाना 10 लाख लीटर दूध का उत्पादन होने लगा. और उत्तर प्रदेश दूध उत्पादन में देश में नंबर 1 बन गया. अब दूध उत्पादन और बढ़ाने के लिए कामधेनुयोजनाओं को और बेहतर किया जाएगा.
अब यूपी में दूसरे चरण के मतदान खत्म हो चुके हैं, जिसमें अखिलेश सरकार द्वारा किये गए विकास कार्य विशेष मुद्दा रहे हैं. अगले पांच चरणों में भी अखिलेश सरकार में हुए काम जनता की जुबान पर चढ़े हुएहैं. ऐसे में अगले चुनाव चरणों में भी अखिलेश यादव के पक्ष में अगर लहर दिखती है तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं. क्योंकि उत्तर प्रदेश की जनता अब विकास की राजनीति और जाति-धर्म के छलावे में उलझी विनाश की राजनीति में फर्क समझने लगी है.
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