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अखबार से सड़क तक WhatsApp के विज्ञापन, क्या पेगासस कांड से कनेक्शन?

गौर करने वाली बात है कि ऑनलाइन कंपनी धुआंधार ऑफलाइन प्रचार पर जोर दे रही है

क्विंट हिंदी
बिजनेस
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<div class="paragraphs"><p>मुंबई में लगी वॉट्सऐप विज्ञापन की होर्डिंग</p></div>
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मुंबई में लगी वॉट्सऐप विज्ञापन की होर्डिंग

(फोटो:क्विंट हिंदी)

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भारत में पेगासस (Pegasus) स्पाइवेयर की मदद से जासूसी की खबरों के बीच प्राइवेसी का मुद्दा सरगर्म है. ऐसे में सोशल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप (WhatsApp) ने अपने ग्लोबल मार्केटिंग कैंपेन - "मैसेज प्राइवेटली" का भारतीय संस्करण शुरू करते हुए ऑफलाइन विज्ञापन पर जोर दिया है. अब सवाल है कि इसे सिर्फ मार्केटिंग टूल समझा जाए या समय की मजबूरी ?

सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहली दफा नहीं है जब यूजर्स की प्राइवेसी पर सवाल उठने के बाद वॉट्सऐप ने भारत में ऑफलाइन विज्ञापन का सहारा लिया हो. इससे पहले भी फेसबुक के साथ यूजर्स की जानकारियों को साझा करने के आरोप पर सफाई देते हुए वॉट्सऐप ने देश के तमाम बड़े अखबारों के पहले पन्ने पर विज्ञापन दिया था- "वॉट्सऐप आपकी प्राइवेसी की कद्र और सुरक्षा करता है"

(फोटो- Twitter/ @free_thinker)

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आखिर वॉट्सऐप को ऑफलाइन विज्ञापन क्यों करना पड़ रहा है ?

भारत में वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी फेसबुक के मार्केटिंग डायरेक्टर ,अविनाश पंत के अनुसार इस मार्केटिंग कैंपेन का उद्देश्य यह बताना है कि वॉट्सऐप द्वारा एंड-टू-एंड एंक्रिप्शन के माध्यम से दी जाने वाली प्राइवेसी सिर्फ एक 'फीचर' नहीं है बल्कि एक 'भावना' है.

लेकिन क्या भारत में पेगासस की मदद से जासूसी की खबरों और इस पर सुप्रीम कोर्ट में वॉट्सऐप की सफाई के बाद भी इसे सिर्फ मार्केटिंग टूल माना जाए या अपने आप को "दूध का धुला" दिखाने की कोशिश समझी जाए ?

याद रहे कि 2019 में वॉट्सऐप ने कैलिफोर्निया (अमेरिका) के एक अदालत में पेगासस स्पाइवेयर बनाने वाली इजरायली कंपनी NSO ग्रुप के खिलाफ यूजर्स के फोन के सर्विलांस का आरोप लगाया था. तब वॉट्सऐप ने NSO ग्रुप पर रोक लगाए जाने के साथ-साथ डेटा प्राइवेसी के उल्लंघन और वॉट्सऐप तथा यूजर्स के बीच अवरोध के लिए क्षतिपूर्ति की मांग की थी.

मुंबई में लगी वॉट्सऐप विज्ञापन की होर्डिंग

(फोटो:क्विंट हिंदी)

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का ऑफलाइन विज्ञापन

इस पूरे मामले में सबसे आश्चर्यजनक पक्ष रहा इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का ऑफलाइन विज्ञापन. 45.5 करोड से भी अधिक यूजर्स के साथ भारत इस सोशल मैसेजिंग प्लैटफॉर्म के लिए सबसे बड़ा बाजार है. अपने बड़े यूजर बेस के कारण ऑनलाइन मैसेजिंग मार्केट में लगभग मोनोपॉली बिजनेस के बावजूद वॉट्सऐप ऑफलाइन विज्ञापन का सहारा ले रहा है तो इसके पीछे भारत के बढ़ते स्मार्टफोन बाजार को देख सकते हैं.

हरेक प्रमुख अखबार में फुल-पेज विज्ञापन से लेकर टेस्ट मैच के ब्रेक में विज्ञापन तक, वॉट्सऐप ने समय-समय पर अपने इमेज बिल्डिंग के लिए पूरी जान झोक दी है.

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