Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019धनतेरस स्पेशल: सोवरन गोल्ड बॉन्ड में निवेश का विकल्प फायदेमंद  

धनतेरस स्पेशल: सोवरन गोल्ड बॉन्ड में निवेश का विकल्प फायदेमंद  

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बाजार में मौजूद सबसे अच्छी स्कीम है

धीरज कुमार अग्रवाल
बिजनेस
Updated:


सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बाजार में मौजूद सबसे अच्छी स्कीम है
i
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बाजार में मौजूद सबसे अच्छी स्कीम है
(फोटो: iStock )

advertisement

सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम एक बार फिर हाजिर है. दिवाली के पहले लाई गई गोल्ड बॉन्ड स्कीम उन लोगों के लिए एक अच्छा मौका है, जो धनतेरस पर सोना खरीदना शुभ मानते हैं. अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो गहनों के रूप में सोना नहीं खरीदना चाहते, बल्कि इसे निवेश का जरिया मानते हैं तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड फिलहाल बाजार में मौजूद सबसे अच्छी स्कीम है. सबसे पहले देख लेते हैं कि इस स्कीम की शर्तें क्या हैं.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की खास बातें

  1. इसमें आप कम से कम 1 ग्राम और अधिक से अधिक सालाना 4 किलोग्राम तक सोने के बराबर मूल्य के बॉन्ड खरीद सकते हैं. ट्रस्टों के लिए अधिकतम खरीद की सीमा 20 किलोग्राम प्रति वर्ष है.
  2. बॉन्ड की अवधि है 8 साल. लेकिन पांचवें साल के बाद आपके पास इन बॉन्ड को बेचने का विकल्प होगा. ये मौका आपको साल में 2 बार मिलेगा, जब बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज आपके बैंक खाते में जमा होगा.
  3. 9 अक्टूबर से शुरू हुई गोल्ड बॉन्ड की बिक्री 27 दिसंबर तक जारी रहेगी. हर हफ्ते के शुरुआती 3 दिनों यानी सोमवार से बुधवार तक आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए एप्लिकेशन दे सकेंगे.
  4. हर हफ्ते के लिए गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस अलग-अलग होगा. ये प्राइस पिछले तीन कारोबारी दिनों में 999 प्योरिटी गोल्ड की बाजार कीमत का औसत होगा.
  5. इसकी ट्रेडिंग स्टॉक एक्सचेंजों पर हो सकेगी. हालांकि ये ट्रेडिंग कब से होगी, इसका फैसला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया करेगा.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बाजार में मौजूद सबसे अच्छी स्कीम है(फाइल फोटो: रॉयटर्स)
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

क्या हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के प्लस प्वॉइंट

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में सोना खरीदने से आपको कई अतिरिक्त फायदे होंगे, जिन पर हम एक-एक करके नजर डालेंगे.

  1. खरीद पर मिलेगी छूट- अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगाते हैं तो आपको ऑनलाइन एप्लिकेशन देने पर इश्यू प्राइस में 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट मिलेगी. यानी अगर आप 10 ग्राम सोना खरीदना चाहते हैं तो 500 रुपए की बचत हाथों-हाथ मिल जाएगी. ऐसा फायदा आपको और किसी स्कीम में नहीं मिलेगा, फिर चाहे आप सोने के सिक्के खरीदें या गोल्ड ईटीएफ.
  2. कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने पर आपको किसी तरह के अतिरिक्त चार्ज नहीं देने होते हैं. गोल्ड ईटीएफ पर जहां आपको फंड मैनेजमेंट चार्ज देना होता है, वहीं फिजिकल गोल्ड के लिए मेकिंग चार्ज और 3% जीएसटी जैसे खर्च उठाने पड़ते हैं.
  3. निवेश पर मिलेगा ब्याज- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में आप जितने ग्राम गोल्ड के बराबर के बॉन्ड खरीदेंगे, उस पर आपको सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज सरकार की तरफ से मिलेगा. ये ब्याज साल में दो बार यानी 6-6 महीने के अंतराल पर आपके बैंक खाते में जमा कर दिया जाएगा. याद रखने वाली बात ये है कि ये ब्याज आपको इश्यू प्राइस पर मिलेगा. यानी अगर आपने 2,950 रुपए के इश्यू प्राइस पर बॉन्ड खरीदे हैं, तो आपको मैच्योरिटी तक इसी प्राइस पर ब्याज मिलेगा. ना तो गोल्ड ईटीएफ और ना ही फिजिकल गोल्ड में आपको किसी तरह का ब्याज मिलेगा.
  4. कैपिटल गेन्स टैक्स से छूट- अगर आप मैच्चोरिटी तक यानी 8 साल तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश बनाए रखते हैं तो इसके रिडेंप्शन पर आपको कैपिटल गेन्स टैक्स से छूट भी मिलेगी. अगर आप इसके पहले बॉन्ड बेचते हैं तो आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना होगा. हालांकि टैक्स की गणना के लिए आपको इंडेक्सेशन का फायदा भी दिया जाएगा.

क्या हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के माइनस प्वॉइंट

इस स्कीम में निवेश से पहले उन बातों को भी जान लें, जिन्हें आप इसकी खामी कह सकते हैं:-

  1. ब्याज पर देना होगा टैक्स- इसमें मिलने वाले ब्याज पर आपको टैक्स छूट नहीं मिलेगी. यानी साल में दो बार आपके बैंक अकाउंट में जमा होने वाला ब्याज आपकी इनकम माना जाएगा, और उस पर आपको अपने स्लैब के मुताबिक टैक्स देना होगा.
  2. स्कीम में लिक्विडिटी नहीं- इस स्कीम में आप वही पैसा लगाएं जिसे आप 8 साल तक या कम से कम 5 साल तक भूल सकते हों. 5 साल के पहले आपको सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड से निवेश निकालने की अनुमति नहीं होगी. और 5 साल के बाद भी अगर आप ऐसा करते हैं तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स की छूट आपको नहीं मिलेगी. लिक्विडिटी के मामले में गोल्ड ईटीएफ या फिजिकल गोल्ड इस बॉन्ड से बेहतर हैं.
इस स्कीम में बॉन्ड की कीमत सोने की बाजार कीमत से जुड़ी रहेगी. अगर सोने की कीमत बढ़ती है तो आपके निवेश की वैल्यू भी बढ़ेगी. लेकिन अगर सोने की कीमत घटती है तो आपको निवेश की वैल्यू में कमी के लिए भी तैयार रहना होगा. ‘सॉवरेन’ का मतलब ये बिलकुल नहीं है कि सोने की कीमत पर आपको किसी तरह की गारंटी सरकार से मिल रही है.

सरकार से आपको अगर कोई गारंटी मिल रही है तो वो है सालाना ढाई फीसदी ब्याज. इन सबके बावजूद अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो फिजिकल गोल्ड या गोल्ड ईटीएफ के मुकाबले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड कहीं बेहतर और फायदेमंद हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 13 Oct 2017,02:22 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT