Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कोरोना से 32% घट जाएगा ग्लोबल ट्रेड,बड़ी मंदी की आशंका : WTO 

कोरोना से 32% घट जाएगा ग्लोबल ट्रेड,बड़ी मंदी की आशंका : WTO 

डब्ल्यूटीओ ने कहा है कि कोरोना संकट से दुनिया में वस्तुओं का आयात-निर्यात काफी घट जाएगा

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कोरोनावायरस दुनिया में भयानक मंदी ला सकता है
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कोरोनावायरस दुनिया में भयानक मंदी ला सकता है
(फाइल फोटो : रॉयटर्स) 

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वैश्विक महामारी COVID-19 अंतरराष्ट्रीय कारोबार को रसातल में ले जा सकती है. दुनिया में चीजों का आना-जाना दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सबसे कम हो सकता है. डब्ल्यूटीओ ने कोरोनावायरस से ट्रेड को लगने वाले धक्के का आकलन किया है. डब्ल्यूटीओ ने कहा है कि अगर हालात बहुत अच्छे रहे तो भी 2020 में दुनिया भर में वस्तुओं का निर्यात 13 फीसदी तक गिर सकता है. खराब रहे तो 32 फीसदी तक भारी गिरावट होगी. अच्छी हालत में भी दुनिया की जीडीपी 2.5 फीसदी घट जाएगी.

दुनिया की जीडीपी में 8.8 फीसदी गिरावट की आशंका

डब्ल्यूटीओ ने कहा कि हालात बहुत खराब रहे तो सामानों का ग्लोबल ट्रेड इस साल 32 फीसदी तक गिर सकता है.ऐसी स्थिति में दुनिया की जीडीपी 8.8 फीसदी तक घट सकती है. डब्ल्यूटीओ प्रमुख रोबर्टो ऐजवेदो ने कहा है कि आज दुनिया जिस वायरस का सामना कर रही है वह उसे गंभीर मंदी में ले जा सकता है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 से पैदा होने वाली मंदी 2008-09 के वित्तीय संकट से कहीं बड़ी हो सकती है. ऐसे में हमारा लक्ष्य यह होना चाहिए लगातार ग्रोथ के लिए जो भी उपाय हों उन्हें तुरंत शुरू किया जाए.

अमेरिका और एशिया को सबसे ज्यादा नुकसान

WTO प्रमुख ने कहा कि इस संकट से एक देश की कोशिश कामयाब नहीं होगी.सभी देशों को मिल कर काम करना होगा. माना जा रहा है कि अगर कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से मंदी आई तो यह इतिहास की सबसे बड़ी मंदी होगी.इससे अमेरिका और एशियाई देशों की अर्थव्यवस्थाओं को गंभीर नुकसान पहुंचेगा. इनका निर्यात काफी कम हो जाएगा. निर्यात में यह कमी ग्लोबल ट्रेड को भी काफी घटा देगा. दुनिया की इकनॉमी पर इसका गहरा असर होगा.

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ऑक्सफैम ने कहा,बढ़ेगी गरीबी

इस बीच, ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण का कहर झेल रहे गरीब देशों को बेलआउट पैकेज नहीं मुहैया कराए गए तो दुनिया भर में 50 करोड़ से अधिक लोग गरीबी के गर्त में जा सकते हैं. ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि वायरस संक्रमण को रोकने के लिए किया गया लॉकडाउन दुनिया भर में गरीबी को रोकने की लड़ाई को एक दशक पीछे ले जाएगा.

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