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शेयर बाजार के लिए अक्टूबर का पहला दिन अच्छा नहीं रहा. शुरुआत में बाजार में काफी गिरावट देखने को मिली. बाद में उतार-चढ़ाव का दौर रहा. एक वक्त तो इंडेक्स दो फीसदी तक गिर गए थे. हालांकि बाद में बाजार में रिकवरी हुई. फिर भी सेंसेक्स 362 प्वाइंट गिर कर बंद हुआ. जबकि निफ्टी 11,400 से नीचे चला गया. बाजार में आज सबसे ज्यादा हड़कंप यस बैंक और इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के शेयरों में भारी गिरावट से मचा.
बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर के शेयरों में काफी बिकवाली रही. इसलिए इनसे जुड़े कई शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. निफ्टी मिडकैप और स्मॉल कैप इंडेक्स दोनों में 1.8-1.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. बैंक, ऑटो, एफएमसीजी, मेटल, फार्मा और रियल्टी इंडेक्स में एक से चार फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 23 शेयर मंदड़ियों की गिरफ्त में दिखे.
विश्लेषकों के मुताबिक बैंकिंग सेक्टर के शेयरों पर पीएमसी बैंक स्कैम और लक्ष्मी विलास बैंक के खिलाफ आरबीआई की कार्रवाई का असर दिखा. बाजार पर कोर सेक्टर के प्रदर्शन में गिरावट,ऑटो सेक्टर की बिक्री में कमी का भी असर रहा. इनसे भी बाजार के हौसलों को झटका लगा.
मंगलवार को यस बैंक के शेयरों में भारी गिरावट आई. सोमवार को यस बैंक का शेयर 15 फीसदी गिरकर 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया था. मंगलवार को इसका शेयर 23 फीसदी से ज्यादा गिर गया. पिछले कुछ दिनों से यस बैंक का शेयर लगातार गिर रहा है. पिछले पांच सत्र में यह शेयर 56 रुपये से गिरकर 31 रुपये पर आ गया है. 1 साल पहले 1 अक्टूबर 2018 को यस बैंक का शेयर 200 रुपये पर ट्रेड कर रहा था.
हाउसिंग फाइनेंस कंपनी इंडियाबुल्स ग्रुप के शेयरों में पहले काफी गिरावट दिखी. लेकिन बाद में यह संभला. हालांकि समूह की कंपनियों की संपत्ति पिछले एक सप्ताह में 48 फीसदी गिर गई. लक्ष्मी विलास बैंक के माथ मर्जर की खबर के बाद इसके शेयरों में और गिरावट दर्ज की गई. शनिवार को आरबीआई ने लक्ष्मी विलास बैंक के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी.इसके अलावा सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने इंडियाबुल्स के खिलाफ याचिका दायर की थी. इन चिंताओं की वजह से इंडियाबुल्स वेंचर्स के शेयर दस फीसदी गिर गए हैं. जबकि इंडियाबुल्स रियल एस्टेट और इंडियाबुल्स इंटिग्रेटेड सर्विसेज पांच-पांच फीसदी गिर गए
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