Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Coronavirus Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019 बिन ऑक्सीजन जा रही जान, फिर भी जारी केजरीवाल-केंद्र में खींचतान

बिन ऑक्सीजन जा रही जान, फिर भी जारी केजरीवाल-केंद्र में खींचतान

दिल्ली को उसके कोटे से ज्यादा ऑक्सीजन दी जा रही: हर्षवर्धन

क्विंट हिंदी
कोरोनावायरस
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हर्षवर्धन और केजरीवाल
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हर्षवर्धन और केजरीवाल
(फोटो: Altered by Quint Hindi)

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कोरोना वायरस महामारी के भारी कहर और ऑक्सीजन संकट के बीच दिल्ली में लगातार मरीजों की जानें जा रही हैं. पिछले कुछ दिनों से अस्पताल कुछ-कुछ घंटों के बाद सोशल मीडिया तक पर मदद की गुहार लगाते और ऑक्सीजन का स्टॉक खत्म होने की जानकारी देते दिखे हैं. दिल्ली हाई कोर्ट कह चुका है कि लोगों को इस तरह मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता. दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में बीती रात ही कम से कम 20 काफी बीमार मरीजों की 'ऑक्सीजन संकट की वजह से' मौत हो गई.

ऐसे में जब केंद्र और दिल्ली सरकार को इस समस्या से मिलकर लड़ना चाहिए, दोनों सरकारें आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा करती दिख रही हैं. ऐसा तब भी जारी है, जब दिल्ली हाई कोर्ट भी दोनों सरकारों से इस रवैये से बचने के लिए कह चुका है. 

दिल्ली को उसके कोटे से ज्यादा ऑक्सीजन दी जा रही: हर्षवर्धन

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि दिल्ली को 'उसके कोटे से ज्यादा' ऑक्सीजन दी जा रही है. उन्होंने दावा किया कि इसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया तक बोला है.

शनिवार को ही दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि दिल्ली के लिए आवंटित प्रति दिन 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई कब होगी? यह सवाल तब पूछा गया था, जब दिल्ली सरकार ने कहा कि उसे पिछले कुछ दिनों से प्रति दिन 380 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल रही है जबकि शुक्रवार को महज 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली.

संकट के समाधान के लिए राष्ट्रीय योजना की जरूरत: केजरीवाल

COVID-19 की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई शुक्रवार की बैठक में केजरीवाल ने कहा था, ‘‘ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग बहुत तकलीफ में हैं. हमें डर है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ा हादसा हो सकता है और हम खुद को कभी माफ नहीं कर सकेंगे. मुख्यमंत्री होने के बावजूद मैं दिल्ली के लोगों की मदद नहीं कर पा रहा हूं.’’

इसके अलावा उन्होंने कहा था, ''‘हमें इस संकट के समाधान के लिए राष्ट्रीय योजना की जरूरत है. केंद्र सरकार को सेना की मदद से सभी ऑक्सीजन संयंत्रों पर नियंत्रण कर लेना चाहिए और वहां से निकलने वाले हर टैंकर को सेना के वाहन और सैनिक सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाएं.’’

साथ मिलकर काम करें केंद्र और दिल्ली सरकार: हाई कोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को केंद्र और दिल्ली सरकार को COVID-19 मरीजों का इलाज कर रहे अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के मामले पर समन्वय पैदा करने का निर्देश दिया और कहा कि लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता.

कोर्ट ने साफ किया कि दिल्ली सरकार इस संबंध में जो भी कोशिश करे, वो महत्वहीन नहीं होनी चाहिए और वो सब कुछ केंद्र सरकार पर न छोड़े.

जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने कहा, ''दिल्ली सरकार को किसी भी स्रोत से क्रायोजनिक टैंकरों की खरीद के लिए सभी प्रयास करने चाहिए और सभी संभव जगहों से संपर्क करना चाहिए. जैसा कि पहले कहा जा चुका है, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के उपसमूह को इस संबंध में मदद करनी चाहिए. हम उम्मीद करते हैं कि दोनों सरकारों के अधिकारी संवाद कायम कर इस संबंध में समन्वय स्थापित करेंगे.''

दिल्ली के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन के बढ़ते संकट के मुद्दे पर तीन घंटे तक चली विशेष सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि दिल्ली के नागरिकों को ‘’ऑक्सीजन न आने के चलते इस तरह मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता.’’

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली सरकार चाहती है कि उसे केंद्र की ओर से उसे सब कुछ किया कराया मिल जाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली के अधिकारियों को दूसरे राज्यों के अधिकारियों की तरह खुद भी कुछ काम करने चाहिए.

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Published: 24 Apr 2021,11:04 PM IST

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