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भारत बायोटेक ने अपनी कोविड वैक्सीन- कोवैक्सीन (Covaxin) के पहले फेज के ट्रायल्स के परिणाम जारी कर दिए हैं. अंतरिम जांच में कंपनी ने पाया कि वैक्सीन का सभी ग्रुप के लोगों में रिस्पॉन्स अच्छा रहा और किसी में भी कोई प्रतिकूल प्रभाव सामने नहीं आया है. ये भी सामने आया है कि वैक्सीन शरीर में इम्यून रिस्पॉन्स को बढ़ावा देता है. हैदराबाद का भारत बायोटेक, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर वैक्सीन डेवलप कर रहा है.
परिणाम में बताया गया है कि पहली वैक्सीनेशन के बाद, लोकल और सिस्टेमैटिक प्रभाव हल्के/मध्यम गंभीरता में थे और बिना किसी दवा के ही ये दूर हो गए. सबसे नॉर्मल रिएक्शन, इंजेक्शन लगने वाली जगह पर दर्द था जो कि अपने आप ठीक हो गया.
देश की 22 जगहों पर 26,000 वॉलन्टियर्स के साथ भारत बायोटेक और ICMR के कोवैक्सीन का फेज 3 ह्यूमन ट्रायल्स चल रहा है. कंपनी के एक अधिकारी के मुताबिक, पुराने ट्रायल रिजल्ट के आधार पर वैक्सीन कम से कम 60% प्रभावी होगी.
भारत में कोल्ड स्टोरेज वैक्सीन के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है, लेकिन कोवैक्सीन को एकदम कम तापमान की जरूरत नहीं होती. वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच रखा जा सकता है, जो इसे नेशनल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम कोल्ड-चेन की जरूरतों के अनुकूल बनाता है.
दुनिया के कई देशों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ब्रिटेन ने फाइजर/बायोएनटेक की कोविड वैक्सीन को अनुमति दे, वैक्सीन प्रक्रिया शुरू करने वाला पहला देश बना. वहीं, अमेरिका और कनाडा में भी फाइजर/बायोएनटेक को इमरजेंसी यूज की अनुमति मिल गई है, जिसके बाद मेडिकल स्टाफ को वैक्सीन देकर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू की गई.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में भी कुछ कंपनियों ने इमरजेंसी यूज की अनुमति के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को आवेदन किया है. फाइजर/बायोएनटेक ने सबसे पहले DCGI को अनुमति के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद SII-ऑक्सफोर्ट (कोविशील्ड) और भारत बायोटेक (कोवैक्सीन) ने इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए इजाजत मांगी है. बता दें कि भारत में अभी किसी भी वैक्सीन को इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी गई है.
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