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भारत बायोटेक ने अपनी COVID-19 वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर फैक्ट-शीट जारी की है. इसमें कंपनी ने बताया है कि किन स्थितियों में लोग कोवैक्सीन की खुराक न लें.
इन स्थितियों में कोवैक्सीन की खुराक न लेने को कहा गया है:
इससे पहले भारत बायोटेक कह चुकी है कि अगर उसकी वैक्सीन लगवाने के बाद किसी को गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होते हैं तो उसे कंपनी मुआवजा देगी.
कोवैक्सीन लगवाने वाले लोगों को एक सहमति पत्र दिया जा रहा है, जिसमें भारत बायोटेक ने कहा है, ‘‘किसी प्रतिकूल या गंभीर प्रतिकूल प्रभाव की स्थिति में आपको सरकारी चिह्नित और अधिकृत केंद्रों और अस्पतालों में चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त देखभाल मुहैया कराई जाएगी.’’
कोवैक्सीन के पहले और दूसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल्स में COVID-19 के खिलाफ एंटीडोट विकसित होने की पुष्टि हुई है. हालांकि, इस वैक्सीन के क्लिनिकल रूप से प्रभावी होने का तथ्य पूरी तरह साबित करने के लिए अभी अंतिम नतीजे सामने नहीं आए हैं. ऐसे में कोवैक्सीन को लेकर संदेह जताया जा रहा है.
16 जनवरी को भारत में राष्ट्रव्यापी COVID-19 टीकाकरण अभियान के पहले ही दिन दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के ‘रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (आरडीए) ने उन्हें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन लगाए जाने के लिए चिकित्सा अधीक्षक से अनुरोध किया था.
आरडीए ने चिकित्सा अधीक्षक को लिखे एक लेटर में कहा था कि रेजीडेंट डॉक्टरों को कोवैक्सीन को लेकर कुछ संदेह है और वे लोग बड़ी संख्या में टीकाकरण अभियान में हिस्सा नहीं लेंगे.
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