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कोरोना महामारी बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है. लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने यह बात कही है. महामारी के चलते बच्चे एक साल से भी अधिक समय से घरों में कैद होकर रह गए हैं. इसी कारण से यह प्रभाव देखे जा रहे हैं
ANI की रिपोर्ट के अनुसार लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के निदेशक डॉ प्रवीण कुमार ने कहा की इस चल रही कोरोना महामारी से बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. बच्चे महामारी के चलते एक साल से भी अधिक समय से अपने घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. डॉक्टर कुमार ने आगे बताया कि घरों में बीमार लोगों, और माता पिता की आमदनी में महामारी के चलते हुए नुकसान से भी तनाव बढ़ रहा है.
सभी बच्चे अलग तरीकों से अपने इस प्रभाव को व्यक्त कर सकते हैं. कोई उदास हो सकता है तो कोई बात बंद करके चुप रह सकते हैं. कुछ गुस्सा करते हैं. सभी बच्चों का व्यक्त करने का ढंग अलग होता है.
डॉक्टर ने आगाह किया कि इन बच्चों के साथ धैर्य रखने की बहुत जरूरत है साथ ही इनकी भावनाओं का ख्याल रखा जाना चाहिए.
बच्चों पर भविष्य में आने वाली कोरोना लहरों के प्रभाव पर बात करते हुए लेडी हार्डिंग की डॉक्टर ने कहा " कोविड 19 एक ऐसा वायरस से जो अपने आप को म्यूटेट कर सकता है. उन्होंने कहा कि आने वाली लहरों का बच्चों पर प्रभाव पड़ेगा ही क्योंकि हमारे पास वयस्कों के लिए तो कोरोना टीके मौजूद हैं और आगे आने वाले महीनों में उन्हें टीके भी लगेंगे लेकिन बच्चों के लिए हमारे पास अभी टीके मौजूद नहीं है.
डॉक्टर कुमार ने गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली मां के वैक्सीनेशन पर कहा कि इससे नवजात शिशु को घातक संक्रमण से बचने में मदद मिलेगी.
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