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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 8 सितंबर को कहा कि अदालतें यह नहीं मान सकतीं हैं कि, दूसरी लहर में कोविड-19 (COVID-19) के कारण हुई सभी मौतें लापरवाही के कारण हुई हैं. SC ने कोविड-19 से मौत को चिकित्सा लापरवाही मानकर उनके परिजनों को मुआवजा देने की मांग करने वाली याचिका को खारिज करते हुए ये टिप्पणी की.
इसके साथ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, विक्रम नाथ और हेमा कोहली की बेंच ने याचिकाकर्ता दीपक राज सिंह से अपने सुझावों के साथ सक्षम अधिकारियों से संपर्क करने को कहा.
बेंच ने कहा कि "यह मान लेना कि COVID-19 के कारण हुई प्रत्येक मौत लापरवाही के कारण हुई, बहुत ज्यादा है.”
सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को दिए एक हालिया फैसले का हवाला भी दिया, जिसमें उसने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को छह सप्ताह के भीतर कोविड-19 के कारण मरे लोगों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए उचित दिशा-निर्देशों की सिफारिश करने का निर्देश दिया था.
शुरुआत में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील, श्रीराम परकट ने कहा कि उनकी याचिका अलग है क्योंकि इसमें लापरवाही और चिकित्सकीय लापरवाही के कारण हुई मौतों के लिए मुआवजे की बात की गई है.
लेकिन बेंच ने आगे कहा कि ''यह ऐसी लहर थी कि जिसने पूरे देश को प्रभावित किया'' और अदालत चिकित्सकीय लापरवाही की सामान्य धारणा नहीं बना सकती.
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