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भारत बायोटेक ने बुधवार, 5 जनवरी को ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि इसके COVID-19 वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) के लगने के बाद 15-18 साल के बच्चों को किसी भी पेनकिलर या पैरासिटामोल लेने की सिफारिश नहीं की जाती है.
गौरतलब है कि सोमवार, 3 जनवरी से, 15-18 आयु वर्ग के बच्चे कोरोनवायरस से खुद को बचाने के लिए कोवैक्सिन ले सकते हैं.
वर्तमान में कोवैक्सिन एकमात्र ऐसा वैक्सीन है जिसे भारत में बच्चों को दिया जा रहा है. बच्चों के लिए कितना कारगर है यह वैक्सीन? जानते हैं आपके इन्हीं सवालों का जवाब.
क्या अबतक बच्चों में Covaxin के कोई साइड-इफेक्ट सामने आए हैं?
रिपोर्ट किया गया सबसे आम साइड-इफेक्ट, वैक्सीन लगने की जगह पर दर्द है. भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि कुल 374 सब्जेक्ट्स (जिनको वैक्सीन लगाया गया) में या तो हल्के या मध्यम गंभीरता के लक्षण पाए गए. इनमे से 78.6% एक दिन के भीतर ठीक हो गए. बयान में कहा गया है कि इंजेक्शन लगने वाले जगह पर दर्द सबसे अधिक प्रतिकूल प्रभाव था.
क्या मुझे अपने बच्चे को पेनकिलर या पैरासिटामोल देनी चाहिए?
भारत बायोटेक के अनुसार, वैक्सीनेशन के बाद हल्के साइड-इफेक्ट्स का अनुभव करने वाले बच्चों को न तो पैरासिटामोल या पेनकिलर दी जानी चाहिए.
कंपनी ने कहा कि “"30,000 व्यक्तियों के क्लीनिकल ट्रायल में लगभग 10-20% ने साइड इफेक्ट्स को रिपोर्ट किया है. इनमें से अधिकतर हल्के होते हैं, 1-2 दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं, और दवा की आवश्यकता नहीं होती है. डॉक्टर्स से परामर्श करने के बाद ही दवा लेने की सिफारिश की जाती है.”
क्या Covaxin बच्चों के लिए सुरक्षित है?
बच्चों में कोवैक्सिन लगाए जाने के बाद किसी भी मौत या प्रतिकूल प्रभाव की सूचना नहीं मिली है. रक्त के थक्के या मायोकार्डिटिस के कोई मामले सामने नहीं आए हैं.
DCGI ने कट-ऑफ उम्र 12 साल क्यों तय की?
इसकी जानकारी नहीं है कि DCGI ने कट ऑफ उम्र 12 वर्ष क्यों निर्धारित की, जबकि 2 से 18 वर्ष के बच्चों पर क्लिनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक किए गए थे.
बच्चों के लिए कोवैक्सिन को मंजूरी कैसे मिली?
भारत बायोटेक के कोवैक्सिन को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा बच्चों में आपातकालीन उपयोग के लिए अप्रूव किया गया था:
भारत बायोटेक ने कथित तौर पर 2-18 वर्ष की आयु के बच्चों पर फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल के रिजल्ट प्रस्तुत किए थे.
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) ने बच्चों पर इसके उपयोग की सिफारिश की.
क्लिनिकल ट्रायल कब किए गए थे?
क्लिनिकल ट्रायल जून और सितंबर 2021 के बीच किए गए थे.
कितने बच्चों पर ट्रायल किए गए?
क्लिनिकल ट्रायल 2-18 वर्ष की आयु वर्ग के 525 वॉलेंटियर पर किए गए थे. उन्हें इन आयु वर्ग में 175 बच्चों के तीन समूहों में विभाजित किया गया था:
12-18 साल
6-12 साल
2-6 साल
इन बच्चों को कोवैक्सीन के कितने डोज मिलें?
तीनों आयु वर्ग के बच्चों को 28 दिनों के गैप पर कोवैक्सिन के 0.5 ml दिया गया. यह वयस्कों को दी जाने वाली बराबर डोज है.
क्या कोवैक्सिन बच्चों में प्रतिरक्षा (इम्यून रिस्पांस) में सुधार करता है?
Covaxin लगाए जाने से पहले और बाद में बच्चों में प्रतिरक्षा (इम्यून रिस्पांस) इस प्रकार थी:
वयस्कों की तुलना में बच्चों में एंटीबॉडी रिस्पांस अधिक थी.
औसत रूप से, बच्चों में वयस्कों की तुलना में 1.7 गुना अधिक न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी विकसित हुई.
मायोकार्डिटिस या रक्त के थक्कों के कोई मामले सामने नहीं आए.
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