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देश की 90%  आबादी पर कोरोना संक्रमण का खतरा बरकरार- सीरो सर्वे

आईसीएमआर के दूसरे सर्वे में बताया गया कि वायरस का असर अर्बन इलाकों में ज्यादा है

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आईसीएमआर के दूसरे सर्वे में बताया गया कि वायरस का असर अर्बन इलाकों में ज्यादा है
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आईसीएमआर के दूसरे सर्वे में बताया गया कि वायरस का असर अर्बन इलाकों में ज्यादा है
(फोटो: PTI)

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देशभर में कोरोना वायरस के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अब तक एक दिन में करीब 80 हजार से भी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. इसी बीच आईसीएमआर की दूसरी सीरो सर्वे रिपोर्ट सामने आई है. इस सर्वे के मुताबिक, अब भी देश की 90 फीसदी आबादी पर इस वायरस का खतरा बरकरार है और ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर देखने को मिल रहा है.

सर्दी को लेकर चेतावनी भी दी गई है कि संक्रमण फैलाने वाले वायरस इस मौसम में तेजी से सक्रिय होते हैं तो अगले 3-4 महीनों में बचाव पर और ज्यादा ध्यान देना होगा.

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक, दस साल और इससे अधिक उम्र का हर 15 में से एक शख्स अगस्त 2020 तक कोरोना वायरस से एकस्पोज हुआ है मतलब उसके दायरे में आ चुका है. अर्बन स्लम में सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा है, उससे कम अर्बन नॉन-स्लम और उससे कम ग्रामीण इलाकों में है. मतलब सबसे ज्यादा खतरा अर्बन स्लम में बना हुआ है.

वहीं 7.1 फीसदी वयस्कों के कोरोना वायरस के संपर्क में आने के सबूत मिले हैं. 7.1% वयस्कों के कोरोना वायरस के संपर्क में आ चुके होने की संभावना है. वहीं मई के मुकाबले अगस्त में कम संक्रमण के मामले सामने आए हैं, ये बढ़ती टेस्टिंग और डिटेक्शन की तरफ इशारा करता है.

कोरोना संक्रमण की तस्वीर दिखाने के लिए सर्वे

सीरो सर्वे में कुछ अहम सवालों के जवाब तलाशे गए थे. जिनमें सबसे पहला सवाल था कि आम जनसंख्या में कितने फीसदी लोगों तक वायरस ने अपनी पहुंच बनाई है, यानी कितने फीसदी लोगों को कोरोना हुआ है. वहीं दूसरा सवाल ये था कि कौन सी उम्र के लोगों पर वायरस सबसे ज्यादा असर कर रहा है और किन्हें ज्यादा खतरा है. सर्वे में तीसरे सवाल का जवाब भी पता लगाया गया कि वायरस ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैल रहा है या फिर शहरों में इसका असर ज्यादा है.

आईसीएमआर की तरफ से बताया गया कि उनका पहला सर्वे 11 मई से लेकर 4 जून तक देशभर में हुआ. जिसमें 70 जिलों के 700 गांवों को शामिल किया गया था. लेकिन इसके बाद जो दूसरा सर्वे किया गया उसमें 18 साल की उम्र के बजाय 10 साल से ऊपर के बच्चों के भी सैंपल लिए गए. ये सर्वे भी 21 राज्यों में 70 जिलों के 700 गांवों में कराया गया. ये दूसरा सर्वे 17 अगस्त से लेकर 22 सितंबर तक हुआ.

  • सर्वे में कुल 29,082 लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया.
  • इस सर्वे में कुल संक्रमण की दर 6.6 फीसदी पाई गई, क्योंकि इसमें 10 साल की उम्र से ऊपर के बच्चों को भी शामिल किया गया था.
  • ग्रामीण इलाकों की तुलना में अर्बन स्लम और नॉन स्लम में संक्रमण ज्यादा पाया गया.
  • ग्रामीण इलाकों में संक्रमण 4.4% पाया गया, जबकि अर्बन स्लम में 15.6% और नॉन स्लम में 8.2% संक्रमण पाया गया.
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क्या निकला नतीजा

सर्वे के नतीजे के बाद बताया गया कि अभी भी भारत की कुल 90 फीसदी या उससे ज्यादा जनसंख्या वायरस के दायरे में आ सकती. वायरस का रिस्क लगातार बना हुआ है. लेकिन इसे ट्रैक करने और रोकने के रास्ते अब हमारे पास हैं. जिससे लगता है कि हम संभल सकते हैं. साथ ही बताया गया कि अर्बन स्लम और नॉन स्लम एरिया में रूरल एरिया के मुकाबले संक्रमण का काफी ज्यादा खतरा है. आईसीएमआर की तरफ से बताया गया कि सर्वे के नतीजे देखने के बाद यही लगता है कि हमें अपनी 5-टी स्ट्रैटेजी को अपना होगा. जिसमें- टेस्ट, ट्रैक, ट्रेस, ट्रीट और टेक्नोलॉजी शामिल हैं.

साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से ये भी बताया गया कि कोरोना का असर आने वाले दिनों में और भी ज्यादा बढ़ सकता है. क्योंकि ठंड के मौसम में ऐसे वायरस अपना ज्यादा असर दिखाने लगते हैं और आसानी से लोग उनकी चपेट में आते हैं. इसीलिए अगले 4-5 महीने में इस महामारी को नीचे की तरफ धकेलें, ये काफी जरूरी है.

सीरो सर्वे के लिए देशभर के लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए थे. ये लोग वो नहीं थे जिन्हें कोई लक्षण थे या फिर कोरोना था, बल्कि रैंडम तरीके से ये सैंपल लिए गए. जिसके बाद उनके ब्लड सैंपल में IgG एंडी बॉडीज को देखा गया. जिसके शरीर में भी IgG एंटीबॉडी पाई गई, यानी पिछले कुछ दिनों में उसे कोरोना संक्रमण हुआ था. हालांकि ये पता लगाया जा रहा है कि जिनके शरीर में IgG एंडीबॉडी पाई गई है. उन्हें कोरोना कितने महीने या दिन पहले हुआ था.

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Published: 29 Sep 2020,06:00 PM IST

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