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गोवा मेडिकल कॉलेज में मंगलवार तड़के 26 लोगों की मौत ‘ऑक्सीजन की कमी’ से हो गई. वहां के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने खुद ऑक्सीजन की कमी का जिक्र किया. इससे पहले सीएम प्रमोद सावंत ने अस्पताल का दौरा कर कहा था कि ऑक्सीजन की कमी नहीं है और मिसमैनेजमेंट की वजह से दिक्कत आ रही है. विपक्ष का कहना है कि सीएम और स्वास्थ्य मंत्री के बीच खींचतान की वजह से हेल्थ सिस्टम चरमरा चुका है और मौतें हो रही हैं.
राणे के मुताबिक रोज सुबह 2-6 बजे के बीच मौते हो रही हैं. इसी सिलसिले में मंगलवार की सुबह 26 लोगों की मौत हो गई. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं पता कि कुप्रबंधन कहां है. राणे के मुताबिक सोमवार को उन्हें 1200 सिलेंडर की जरूरत थी लेकन मिले सिर्फ 400. राणे ने लगातार हो रही इन मौतों की जांच की मांग की है. वैसे ये समझ से परे है कि जब वो खुद स्वास्थ्य मंत्री हैं तो जांच किसके खिलाफ कराना चाहते हैं. महकमा उनका बिगड़ा है तो जिम्मेदार कौन है. बहरहाल राणे ने कहा है कि गोवा में मुंबई हाई कोर्ट की पीठ को गोवा के शीर्ष अस्पताल, गोवा मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में ऑक्सीजन की उपलब्धता की कथित कमी की जांच करनी चाहिए और न्यायालय को स्वास्थ्य मुद्दों पर कोविड का प्रबंधन अपने हाथ में ले लेना चाहिए.
सीएम सावंत का कहना है कि गोवा के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी है, लेकिन केवल इसलिए क्योंकि सिलेंडर समय पर मरीजों तक नहीं पहुंच पाते हैं. लेकिन राणे ने कहना कि ऑक्सीजन को लेकर किसी भी प्रकार की कोई अव्यवस्था नहीं है और सावंत को ऑक्सीजन की उपलब्धता के मुद्दे के बारे में गुमराह किया गया है.
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सीएम-हेल्थ मिनिस्टर के बीच चल रहे मतभेद राज्य के बढ़ते कोविड मामलों और खूंखार वायरस के कारण मौत के खिलाफ लड़ाई में बाधा डाल रहे हैं.
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