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गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए रविवार को जनहित याचिका की कार्रवाही शुरू की, यह देखते हुए कि मीडिया रिपोर्ट्स में राज्य के 'स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थिति' की तरफ बढ़ने का संकेत है.
यह कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर प्रदेश के हाई कोर्ट की ओर से दाखिल इस तरह की दूसरी जनहित याचिका है. पहली जनहित याचिका पिछले साल दायर की गई थी और उस पर अब भी नियमित अंतराल पर सुनवाई चल रही है.
चीफ जस्टिस ने रजिस्ट्री को सूचित किया कि नई जनहित याचिका में गुजरात सरकार, उसके स्वास्थ्य विभाग के साथ ही केंद्र सरकार को भी पक्ष बनाया जाए.
चीफ जस्टिस ने कहा कि "समाचार चैनल खौफनाक कहानियों, दुर्भाग्यपूर्ण और अकल्पनीय कठिनाइयों और बुनियादी ढांचे की बिखरी हुई स्थितियों से भरे हुए हैं."
चीफ जस्टिस ने पाया कि ये रिपोर्ट्स राज्य के 'स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थिति' की तरफ बढ़ने का संकेत देती हैं.
गुजरात में रविवार को COVID-19 के रिकॉर्ड 5469 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही कुल केस की संख्या बढ़कर 347495 हो गई. वहीं संक्रमण की वजह से 54 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 4800 हो गई.
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