advertisement
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि केंद्र न तो COVID-19 को "राष्ट्रव्यापी समस्या" के तौर पर मान रहा है और न ही राज्यों की मांगों को सुन रहा है. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में सोरेन ने यह बात कही है.
सोरेन ने कहा, ''यह राष्ट्रीय महामारी है या राज्य केंद्रित समस्या? केंद्र ने स्थिति को संभालने के लिए न तो इसे हम पर छोड़ा है, न ही वो इसे ठीक से संभाल रहा है... हम दवाएं आयात नहीं कर पाते क्यों केंद्र अनुमति नहीं देता.''
उदाहरण के लिए, मुख्यमंत्री ने बताया कि झारखंड को अपने लोगों के लिए COVID-19 वैक्सीन की लगभग 3.5-4 करोड़ खुराकों की जरूरत है. उन्होंने शनिवार को कहा, "लेकिन हमें अब तक केवल 40 लाख (खुराकें) मिली हैं ... बृहन्मुंबई म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन, एक सिविक बॉडी होने के बावजूद, मुंबई के लोगों के टीकाकरण के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर सकती है ... इसका एक बड़ा बजट है, लेकिन झारखंड ऐसा नहीं कर सकता. ”
उन्होंने कहा, ''राज्यों को अपने दम पर वैक्सीन हासिल करने के लिए छोड़ दिया गया है. हम इसे कैसे मैनेज कर सकते हैं? केंद्र झारखंड की तुलना महाराष्ट्र या तमिलनाडु से क्यों कर रहा है? हमारा बजट बहुत छोटा है.''
इसके अलावा सोरेन ने कहा कि केंद्र को देश को बताना चाहिए कि पीएम केयर्स फंड से क्या हो रहा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)