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भारत में अब तक लगभग 8,848 म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) के मामले सामने आए हैं, जो कोविड-19 से उबरने वालों में तेजी से फैलने वाले संक्रमणों में से एक है. इस संक्रमण की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए एक प्रमुख दवा एम्फोटेरिसिन-बी की शीशियों के आवंटन में तेजी लाने पर जोर दिया है.
इस दिशा में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी. वी. सदानंद गौड़ा ने एम्फोटेरिसिन-बी की 23,680 अतिरिक्त शीशियों के आवंटन की घोषणा की है.
मंत्री ने यह भी बताया कि आवंटन कुल मरीजों की संख्या के आधार पर किया गया है, जो देश भर में लगभग 8,848 है. गुजरात (5,800) और महाराष्ट्र (5,090) को अतिरिक्त एम्फोटेरिसिन-बी शीशियों की अधिकतम संख्या आवंटित की गई है, इसके बाद आंध्र प्रदेश (2,310), मध्य प्रदेश (1,830), राजस्थान (1,780), कर्नाटक (1,270) का नंबर आता है.
गुजरात में सबसे अधिक 2,281 ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं, इसके बाद महाराष्ट्र (2,000), आंध्र प्रदेश (910), मध्य प्रदेश (720) राजस्थान (700), कर्नाटक (5,00), हरियाणा (250), दिल्ली (197), पंजाब ( 95), छत्तीसगढ़ (87), बिहार (56), तमिलनाडु (40), केरल (36), झारखंड (27), ओडिशा (15), गोवा (12) और चंडीगढ़ (8) का स्थान है.
इसके अलावा यह स्वच्छता की कमी के कारण भी फैलता है. ऐसे मरीज भी इसकी चपेट में आए हैं, जिन्हें अस्पताल की खराब स्वच्छता का सामना करना पड़ा या जो अन्य बीमारियों जैसे मधुमेह के लिए दवा ले रहे थे.
अगर समय पर इलाज न किया जाए तो ब्लैक फंगस का संक्रमण घातक हो सकता है. कोविड दवाएं शरीर को कमजोर और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम कर सकती हैं. इससे मधुमेह और गैर-मधुमेह कोविड-19 रोगियों दोनों में रक्त शर्करा का स्तर भी बढ़ सकता है.
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