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विदेशी कोरोना वैक्सीन के लिए DCGI ने दी नियमों में ढील, बड़ी बातें

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) वीजी सोमानी की ओर से 1 जून को जारी किया गया नोटिस

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कोरोनावायरस
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सांकेतिक तस्वीर
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सांकेतिक तस्वीर
(फोटो: iStock)

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भारत के शीर्ष ड्रग रेग्युलेटर ने मंगलवार को COVID-19 वैक्सीन की विदेशी कंपनियों के लिए नियमों में ढील दी है. इस ढील के तहत, जिन कंपनियों के पास कुछ विशिष्ट देशों या स्वास्थ्य निकायों की मंजूरी है, उनके लिए भारत में लॉन्च के बाद ब्रिजिंग ट्रायल करने, वैक्सीन की क्वालिटी और स्थिरता का परीक्षण करने की अनिवार्यता को हटा दिया गया है. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है.

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) वीजी सोमानी की ओर से 1 जून को जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि अमेरिका के FDA, यूरोप के EMA, यूके के MHRA, जापान के PMDA जैसे रेग्युलेटर से सीमित इस्तेमाल की मंजूरी पा चुकी या विश्व स्वास्थ्य संगठन (WH0) की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग में आ चुकी COVID-19 वैक्सीन के लिए (भारत में) मंजूरी के बाद ब्रिजिंग क्लिनिकल ट्रायल्स की जरूरत में छूट दी जा सकती है. 
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हालांकि, रेग्युलेटर ने उस प्रावधान को बरकरार रखा है, जिसके तहत बड़े स्तर पर टीकाकरण शुरू करने से पहले, सात दिनों के लिए वैक्सीन के पहले 100 लाभार्थियों पर सेफ्टी से जुड़े नतीजों का मूल्यांकन किया जाएगा.

कंपनियों को इस जरूरत से भी छूट दी जा रही है कि उनके टीके के "हर बैच" का कसौली में केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (CDL) द्वारा परीक्षण किया जाए, बशर्ते कि वैक्सीन बैच/लॉट मूल देश की राष्ट्रीय नियंत्रण प्रयोगशाला द्वारा प्रमाणित और जारी किया गया हो. हालांकि, नोटिस में कहा गया है, देश में इस्तेमाल के लिए इन्हें जारी करने के लिए सीडीएल द्वारा अभी भी इन टीकों के बैचों के समरी लॉट प्रोटोकॉल और विश्लेषण के प्रमाण पत्र की जांच और समीक्षा की जाएगी.

बता दें कि अमेरिका की दिग्गज कंपनी फाइजर ने हाल ही में भारत में अपनी COVID-19 वैक्सीन को जल्द मंजूरी देने की मांग करते हुए अधिकारियों से कहा कि यह वैक्सीन भारत में फैले कोरोना वेरिएंट के खिलाफ काफी असरदार है और इसे 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को भी लगाया जा सकता है.

फाइजर जुलाई से अक्टूबर 2021 के बीच भारत को वैक्सीन की पांच करोड़ खुराक देने के लिए तैयार है, लेकिन उसके लिए उसने नुकसान होने पर हर्जाना समेत कुछ अन्य छूट मांगी हैं.

फाइजर ने भारतीय अधिकारियों के साथ हाल ही में एक बैठक के दौरान कई देशों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से उसके टीके के प्रभावकारिता परीक्षणों और मंजूरी के संबंध में ताजा आंकड़े भी पेश किए.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक सूत्र ने बताया कि भारत सरकार और फाइजर के चेयरमैन अल्बर्ट बूर्ला के बीच हालिया बैठकों के बाद दोनों पक्ष भारत में COVID-19 वैक्सीन के अप्रूवल में तेजी लाने के लिए तीन प्रमुख मुद्दों पर संयुक्त रूप से काम करने पर सहमत हुए. इसमें पोस्ट-अप्रूवल ब्रिजिंग स्टडीज को लेकर नियामकीय जरूरत के अलावा बाकी दो मुद्दे केंद्र सरकार के जरिए टीके की खरीद, क्षतिपूर्ति और देनदारी के थे.

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Published: 02 Jun 2021,12:32 PM IST

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