Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Coronavirus Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भारत में US से कम कीमत पर COVID वैक्सीन बेच सकती है फाइजर: रिपोर्ट

भारत में US से कम कीमत पर COVID वैक्सीन बेच सकती है फाइजर: रिपोर्ट

फाइजर वैक्सीन mRNA टेक्नोलॉजी पर आधारित है

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कोरोनावायरस
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क्या भारत सरकार खरीदेगी फाइजर COVID वैक्सीन?
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क्या भारत सरकार खरीदेगी फाइजर COVID वैक्सीन?
(फोटो: iStock)

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फार्मास्युटिकल कंपनी फाइजर अपनी COVID-19 वैक्सीन के दाम भारत में ब्रिटेन और अमेरिका से कम रख सकती है. अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है.

फाइजर ने कहा है कि हम कीमत इस तरह तय करेंगे, जिससे सरकार को यह सुनिश्चित करने में मदद मिले कि जनता पर ज्यादा खर्च का बोझ न पड़े. लाइव मिंट के मुताबिक फाइजर ने अपने बयान में कहा है, ''हम भारत सरकार के साथ जुड़े रहने और देश में इस्तेमाल के लिए इस वैक्सीन को उपलब्ध कराने के मौके तलाशने के लिए प्रतिबद्ध हैं.''

मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि सरकारी अधिकारियों और कंपनी मैनेजमेंट के बीच मीटिंग्स होने के बाद भी सरकार ने अब तक फाइजर से वैक्सीन खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है.

इसकी वजह यह मानी जा रही है कि ज्यादा दाम के साथ-साथ फाइजर वैक्सीन का रखरखाव भी चुनौती भरा है. इसे शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस नीचे के तापमान पर रखना होगा और विशेष बक्से में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाएगा. एक बार आपूर्ति हो जाने पर इसे पांच दिनों तक फ्रिज में रखा जा सकता है.

कंपनी ने कहा है कि दूसरे देशों की तरह भारत में उसकी वैक्सीन की कीमत अलग हो सकती है, जो सरकार की ओर से पहले किए गए कमिटमेंट और खरीद के आकार पर निर्भर करेगी. अमेरिका में कंपनी ने वैक्सीन की कीमत 19.5 डॉलर (करीब 1,440 रुपये) प्रति खुराक रखी है. बता दें कि लोगों को इस वैक्सीन की दो खुराक दी जाएंगी. 

वहीं भारत में सीरम इंस्टीट्यूट Covishield वैक्सीन सरकार को 3 डॉलर प्रति खुराक की दर पर बेच सकता है. यह कीमत फाइजर वैक्सीन की अमेरिका की कीमत से काफी कम है.

बता दें कि फाइजर ने 18 नवंबर को ऐलान किया था कि उसकी COVID-19 वैक्सीन फेज 3 ट्रायल्स के फाइनल एनालिसिस में 95 फीसदी प्रभावी पाई गई. हाल ही में इस वैक्सीन को अमेरिका के खाद्य और दवा प्रशासन (FDA) ने इमर्जेंसी यूज की अनुमति दी है. इसके अलावा ब्रिटेन, कनाडा और बहरीन जैसे देश भी इसे मंजूरी दे चुके हैं.

फाइजर वैक्सीन mRNA टेक्नोलॉजी पर आधारित है. यह टेक्नोलॉजी ह्यूमन सेल्स को कोरोना वायरस के सरफेस प्रोटीन बनाने के जेनेटिक निर्देश देकर काम करती है, जिससे वास्तविक वायरस को पहचानने के लिए इम्यून सिस्टम प्रशिक्षित होता है.

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Published: 17 Dec 2020,10:51 AM IST

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