Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Coronavirus Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई कोई भी मौत: यूपी सरकार

कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई कोई भी मौत: यूपी सरकार

विधान परिषद में योगी सरकार ने कहा- किसी के डेथ सर्टिफिकेट में 'ऑक्सीजन की कमी के कारण मृत्यु' का कोई उल्लेख नहीं

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कोविड -19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं: यूपी सरकार

(फोटो- अलटर्ड बाई क्विंट)

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उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh government) ने 16 दिसंबर को विधान परिषद को बताया कि कोविड -19 (Covid-19) की दूसरी लहर के दौरान राज्य में ऑक्सीजन (oxygen) की कमी के कारण एक भी मौत नहीं हुई थी. दूसरी तरफ विपक्ष ने योगी सरकार के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया.

राज्य सरकार ने कहा कि जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना महामारी के कारण मरने वाले 22,915 मरीजों में से किसी में भी 'ऑक्सीजन की कमी के कारण मृत्यु' का कोई उल्लेख नहीं है.

कांग्रेस सदस्य ने उठाया था सवाल, पूछा- गंगा में बहती लाशें सरकार को नजर नहीं आईं?

राज्य में ऑक्सीजन की कमी के कारण एक भी मौत का दावा योगी सरकार ने प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह के सवाल के जवाब में दिया. विधान परिषद में यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा 'राज्य में दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत की खबर नहीं है.

प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न उठाते हुए, दीपक सिंह ने पूछा था कि क्या सरकार के पास ऐसे मामलों की डीटेल है, क्योंकि उसके अपने मंत्रियों ने ऐसे मामलों को उठाया था.

“कई मंत्रियों ने पत्र लिखकर कहा कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी के कारण मौतें हो रही हैं. इसके अलावा कई सांसदों ने भी ऐसी शिकायतें की थीं. ऑक्सीजन की कमी से मौत की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. क्या पूरे राज्य में इन मौतों के बारे में सरकार के पास कोई जानकारी है. क्या सरकार ने गंगा में बहते हुए शवों और ऑक्सीजन की कमी से पीड़ित लोगों को नहीं देखा है?”
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सरकार ने किया इनकार

कांग्रेस सदस्य के इस सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीज की मौत की स्थिति में डॉक्टर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में COVID-19 पीड़ितों के लिए डॉक्टरों द्वारा जारी किए गए 22,915 मृत्यु प्रमाणपत्रों में कहीं भी 'ऑक्सीजन की कमी के कारण मृत्यु' का कोई उल्लेख नहीं है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, महामारी के दौरान कई मौतें कई अन्य बीमारियों के कारण हुईं और सरकार ने कमी होने पर अन्य राज्यों से ऑक्सीजन की व्यवस्था की थी.

विपक्ष का आरोप- सरकार बोल रही झूठ

इससे पहले समाजवादी पार्टी के उदयवीर सिंह ने कहा कि, “यूपी सरकार ने आगरा के पारस अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की, क्योंकि वहां के एक डॉक्टर का वीडियो वायरल हो गया था… वहां आधे मरीजों को ऑक्सीजन दी गई और बाकी आधे की मौत हो गई…”

उदयवीर सिंह ने जानना चाहा कि जब सरकार ने खुद मामले में कार्रवाई की है, तो वो सदन में "झूठा बयान" कैसे दे सकती है.

जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त की जांच रिपोर्ट में अस्पताल में एक 'मॉक ड्रिल' के बारे में बताया गया था और इस दौरान ऑक्सीजन की आपूर्ति को कथित तौर पर रोक दिया गया था.

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