Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Coronavirus Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भारत को कोरोना महामारी की दूसरी लहर से राहत कब मिलेगी?एक्सपर्ट राय

भारत को कोरोना महामारी की दूसरी लहर से राहत कब मिलेगी?एक्सपर्ट राय

5 बड़े राज्यों में R-value 1 के नीचे आ गई है जिसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र वाले राज्य शामिल हैं

क्विंट हिंदी
कोरोनावायरस
Published:
<div class="paragraphs"><p>कोरोना की दूसरी लहर का पीक कब ? </p></div>
i

कोरोना की दूसरी लहर का पीक कब ?

(फोटो: iStock)

advertisement

कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है. भारत में पिछले 5 दिनों से लगातार कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 4 लाख के पार रही. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बीते 24 घंटे में भारत में 4092 कोरोना संक्रमित लोगों की जान गई है.

ऐसे में जो सवाल आम नागरिकों से लेकर सिस्टम के आला अधिकारियों के जेहन में बार-बार उठ रहा है ,वह यह है कि कोरोना की दूसरी लहर का ग्राफ अपने पीक पर कब पहुंचेगा और उसके बाद उसमें गिरावट कब होगी.

क्या हम दूसरी लहर के पीक के नजदीक है?

कोविड-19 इंडियन नेशनल सुपरमॉडल कमेटी की अध्यक्षता कर रहे IIT हैदराबाद के प्रोफेसर एम. विद्यासागर के अनुसार संक्रमण ग्राफ का पीक 7 मई तक या अधिक से अधिक 15 दिनों (6 मई से शुरू होकर)में जाना चाहिए.

" हमें अनुमान है कि 7 मई से केसों में गिरावट शुरू हो जाएगी. विभिन्न राज्यों के लिए पीक की स्थिति अलग-अलग समय होगी क्योंकि कुछ राज्यों में संक्रमण की दर अत्यधिक तीव्र है. लेकिन अगर आप संक्रमण के केसों को मिलाकर देखेंगे तो ऐसा लगता है कि हम पीक के नजदीक हैं और अब गिरावट शुरू होगी."
प्रोफेसर एम. विद्यासागर

हालांकि 7 मई गुजरने के बाद भी संक्रमण की रफ्तार में लगातार तेजी जारी है. इस कमेटी का पहले भी करोना कि दूसरी लहर की पीक को लेकर लगाया अनुमान गलत साबित हो चुका है, जब उसने कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर का पीक 1.2 लाख केसों तक जाएगा जबकि वर्तमान में हर दिन चार लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.

इससे पहले प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट डॉ. टी जैकब जॉन ने एक इंटरव्यू में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर का पीक नजदीक है .अगर यह जल्दी होता है तो जून के अंत तक यह लहर कमजोर पड़ जाएगी.

दूसरी लहर की पीक को लेकर दूसरे दावे भी हैं

इससे पहले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ,बेंगलुरु के टीम ने एक 'मैथमेटिकल मॉडल' का प्रयोग करते हुए यह अनुमान लगाया है कि अगर हालात यही रहे तो 11 जून तक मरने वालों की संख्या 404,000 तक हो सकती है.इसी तरह के एक मैथमेटिकल मॉडल का प्रयोग करते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन(IHME) ने दावा किया है कि जुलाई के अंत तक भारत 1,018,879 लोग कोरोना से जान गवा देंगे.

यह दो अनुमान दूसरी लहर की पीक को लेकर अलग ही दावे कर रहे हैं.

ऐसे में एक बात याद रखना जरूरी है कि दूसरी लहर के इस ग्राफ में आवश्यक नहीं कि पीक के बाद ग्राफ का स्लोप नीचे को आने लगे. यह एक 'प्लैट्यू" का शेप भी ले सकता है यानी लगातार कई दिनों तक केसों की संख्या समान लेकिन अधिकतम होगी. वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार की स्थिति में यह संभव है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

R-value में गिरावट क्या अच्छा संकेत?

बढ़ते कोरोना संकट के बीच भारत में कोरोनावायरस की इफैक्टिव रिप्रोडक्शन वैल्यू (R-value), वह इंडिकेटर जो बताता है कि संक्रमण कितनी तेजी से फैल रहा है, में मार्च के पहली सप्ताह जितना निचला स्तर देखा गया.

बावजूद इसके कि नए मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, R-value में गिरावट यह संकेत करता है कि संक्रमण में प्रसार पहले से धीमा होगा. आंकड़ों के अनुसार 5 मई को R-value गिरकर 1.09 तक आ गई थी जबकि अप्रैल के तीसरे हफ्ते में यह 1.56 थी.

5 बड़े राज्यों में R-value 1 के नीचे आ गई है जिसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र जैसी बड़े जनसंख्या वाले राज्य शामिल हैं. दिल्ली में भी यह 1 के नीचे आ गयी है.

तीसरी लहर की कितनी संभावना

दूसरी लहर खत्म होने के पाद भी सावधानी कम करना ठीक नहीं होगा. मास्क और दूसरे को को कोरोना नियमों का पालन करते रहना होगा क्यों तीसरी लहर भी आ सकती है. 5 मई को केंद्र के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के. विजयराघवन ने कहा था कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर तय है .

"फेज तीन निश्चित है .लेकिन सर्कुलेट हो रहे वायरस के हाई लेवल को देखते हुए यह स्पष्ट नहीं है कि फेज तीन किस वक्त आएगा. हमें नई लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए."
के. विजयराघवन

हालांकि फिर 7 मई को उन्होंने यू-टर्न लेते हुए कहा कि "अगर हम मजबूत उपाय करें तो शायद तीसरी लहर सभी जगह पर ना आए या फिर कहीं भी ना आए"

डॉ. टी. जैकब जॉन के अनुसार अगर नए वेरिएंट में ट्रांसमिशन एफिशिएंसी ज्यादा होगी और वह हर्ड इम्यूनिटी से पार पा लेता है तो तीसरी लहर भी आ सकती है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT