Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019गुजरात: क्या इस बार अमरेली में BJP पर भारी पड़ेगी कांग्रेस?

गुजरात: क्या इस बार अमरेली में BJP पर भारी पड़ेगी कांग्रेस?

अमरेली: कांग्रेस और बीजेपी में है कड़ा मुकाबला

राहुल नायर
चुनाव
Updated:
(फोटो: क्विंट)
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(फोटो: क्विंट)

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लोकसभा चुनाव के तीसरे फेज की वोटिंग 23 अप्रैल को होने जा रही है. इसमें गुजरात की 26 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होगा. 2014 के चुनावों में बीजेपी ने सभी 26 सीटों पर कब्जा किया था, लेकिन इस बार ये नहीं कहा जा सकता है कि बीजेपी अपनी पुरानी उपलब्धि दोहरा पाएगी.

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ग्रामीण गुजरात, विशेष तौर पर सौराष्ट्र बेल्ट में किसान खुलेआम बीजेपी को हटाने का आह्वान कर रहे हैं. फिर भी बीजेपी को शहरी गुजरात में अपने वोटबैंक की बदौलत राज्य में लगभग 18-19 सीट जीतने की उम्मीद है.

अमरेली में 1991 से 2014 तक, बीजेपी केवल एक बार (2004 में) ये सीट हारी थी. पार्टी ने दो बार के सांसद नारन कछाड़िया को फिर से मौका दिया है. वहीं कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता और अमरेली विधानसभा सीट के विधायक परेश धनानी को मैदान में उतारा है.

विकास है मुख्य मुद्दा

क्विंट से बात करते हुए कछाड़िया ने कहा कि सौराष्ट्र के अन्य जिलों की अपेक्षा अमरेली काफी पिछड़ा हुआ है, लेकिन उन्होंने अमरेली के ताजा हालात के लिए कांग्रेस पर दोष मढ़ दिया.

‘’मैं 2009 में पहली बार सांसद बना, जब यूपीए 2 का शासन था. यूपीए शासन में अमरेली में कोई भी काम करना लगभग असंभव था, क्योंकि राज्य में नरेंद्र (मोदी) भाई का शासन था. 2014 के बाद ये समीकरण बदल गया, जब नरेंद्र भाई पीएम बने और हमने क्षेत्र में बहुत सारे विकास कार्य देखे.’’
नारन भाई काछड़िया, बीजेपी उम्मीदवार

वहीं कांग्रेस प्रत्याशी धनानी ने क्विंट के साथ अपने चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि इस बार का चुनाव विचारधाराओं के टकराव का है.

‘’बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद से गुजरात में अपनी स्थिति को काफी कमजोर कर लिया है. ये लड़ाई किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, बल्कि एक विचारधारा के खिलाफ है. एक तरफ आपके पास कांग्रेस है, जिसका उद्देश्य विभिन्न जातियों, भाषाओं और विचारधाराओं को एकजुट करना है. दूसरी ओर आपके पास बीजेपी है, जो अपनी राष्ट्रवादी महत्वाकांक्षाओं के लिए लोगों को जाति, भाषा, धर्म और क्षेत्र के आधार पर विभाजित करना चाहती है.’’
परेश धनानी, कांग्रेस उम्मीदवार

अमरेली के इन दोनों उम्मीदवारों की अपने वोटरों में अच्छी पकड़ है, जिसकी वजह से दोनों के बीच मुकाबला कड़ा है. हालांकि राजनीतिक पंडितों का मानना है कि परेश धनानी के पास थोड़ी बढ़त है.

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Published: 21 Apr 2019,03:31 PM IST

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