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भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर ने कहा है कि वह अब वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे. इससे पहले चंद्रशेखर ने 13 मार्च को कहा था कि वह लोकसभा चुनाव में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेंगे.
चंद्रशेखर ने वाराणसी से चुनाव मैदान में ना उतरने की वजह भी बताई है. चंद्रशेखर ने कहा है कि उनका संगठन एसपी-बीएसपी गठबंधन का समर्थन करेगा, ताकि दलित वोट का बिखराव ना हो और बीजेपी को हराया जा सके.
बता दें, बीती 31 मार्च को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर पर दलित वोट बांटकर बीजेपी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि चंद्रशेखर बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं.
चंद्रशेखर के हालिया कदम को बीएसपी चीफ के बयान से जोड़कर देखा जा रहा है.
भीम आर्मी चीफ ने यह भी कहा कि अगर एसपी-बीएसपी गठबंधन वाराणसी से बीएसपी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मैदान में उतारता है तो भीम आर्मी एसपी-बीएसपी गठबंधन का समर्थन करेगी.
इससे पहले भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने सतीश चंद्र मिश्रा पर मायावती को भड़काने और दलितों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था.
चंद्रशेखर ने कहा कि वह नहीं चाहते कि उनके चुनाव मैदान में उतरने से मोदी की उम्मीदवारी मजबूत हो.
मायावती की ओर से उनकी आलोचना किए जाने पर उन्होंने कहा, "हमारे अपने लोग हमें बीजेपी का एजेंट कह रहे हैं, लेकिन मैं अब भी चाहता हूं कि वह (मायावती) प्रधानमंत्री बनें."
चंद्रशेखर ने कहा अगर एसपी-बीएसपी गठबंधन सतीश मिश्रा को वाराणसी से उम्मीदवार बनाता है तो उन्हें सवर्णों का वोट भी मिल सकता है.
इससे पहले चंद्रशेखर ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर "दलितों पर अत्याचार करने वालों को बढ़ावा देने के लिए" जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा, “उनके (अखिलेश) पिता संसद में कहते हैं कि वह चाहते हैं कि मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें. वे बीजेपी के एजेंट हैं, मैं नहीं.”
चंद्रशेखर ने पिछले महीने दिल्ली में बुलाई गई एक रैली के दौरान कहा था कि वह वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.
(इनपुटः PTI)
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