advertisement
बिहार विधानसभा चुनाव में 'राम' और 'रावण' की भी एंट्री हो गई है. बिहार में सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल (युनाइटेड) ने पटना के मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव को राम और रावण के बीच का बताया है, इसे लेकर अब सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है.
मोकामा विधानसभा क्षेत्र में मुख्य मुकाबला बाहुबली विधायक अनंत सिंह और साफ सुथरी छवि के राजीव लोचन के बीच माना जा रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले मुंगेर के सांसद और जदयू के नेता ललन सिंह ने चुनावी प्रचार के दौरान कहा कि मोकामा विधानसभा सीट पर राम बनाम रावण की लड़ाई है.
अनंत सिंह पहली बार विधायक जेडीयू की टिकट पर ही बने थे, जब इसकी याद सांसद को दिलाई गई तब उन्होंने कहा, वह रावण हैं इसलिए वे रावण की पार्टी में चले गए, अब ठीक हो गया.
अनंत सिंह की पहचान दबंग की रही है, इनकी पहचान उनके क्षेत्र में 'छोटे सरकार' की रही है. पिछले साल अनंत के नदवां गांव स्थित घर से एके-47 राइफल बरामद की गई थी और इसी मामले में वे पटना के बेउर जेल में बंद हैं. यही कारण है कि अनंत सिंह सात अक्टूबर को नामांकन भरने भी कैदी वैन पर सवार होकर जेल से आए थे.
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन भी कहते हैं कि 2005 के बाद से बिहार में जंगल राज का सफाया किया जा रहा है. जो कुछ चीजें बच गई हैं, उनका भी इस चुनाव में सफाया तय है. उन्होंने कहा कि राम सदाचार के प्रतीक हैं जबकि रावण अनाचार, भ्रष्टाचार का प्रतीक रहा है.
इधर,आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, जब तक अनंत सिंह जेडीयू में थे, तब तक वह राम थे, जैसे ही आरजेडी में आए तो वे रावण हो गए, जिनके घर खुद शीशे के हैं उन्हें किसी दूसरे के घर पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए. उन्होंने कहा कि 10 नवंबर को पता चल जाएगा कि कौन रावण है, कौन राम, उन्होंने कहा कि रावण सरकार का अब अंत निकट आ गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)