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बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) के लिए दो दिन बाद नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, लेकिन राज्य के दो प्रमुख गठबंधनों राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन में अभी भी सीटों को लेकर रार ठनी हुई है. इस बीच हालांकि छोटे दलों के छोटे गठबंधन आकार ले रहे हैं.
NDA के प्रमुख घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, JDU और LJP के बीच चल रही तनातनी के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने LJP को 27 सीटों का ऑफर दिया है, लेकिन इस पर बात बनी नहीं है. LJP के अंदरखाने से अभी भी 143 सीटों पर लड़ने की बात कही जा रही है.
इधर, विपक्षी दलों के महागठबंधन की बात करें तो यहां भी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. RLSP में अब तक अधिकारिक रूप से महागठबंधन से अलग होने की घोषणा नहीं की है, लेकिन उसकी नाराजगी अब जगजाहिर हो गई है. रही सही कसर सोमवार को RJD ने RLSP के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद भूदेव चौधरी को अपनी पार्टी में मिलाकर पूरी कर दी.
वैसे, RLSP के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को दिल्ली से तीन दिनों के प्रवास से लौटने के बाद कहा कि उनकी अभी किसी दल से बात नहीं हो रही है, जो भी कयास लगाए जा रहे हैं, वह सही नहीं है. उल्लेखनीय है कि कुशवाहा के RJD में जाने के कयास लगाए जा रहे थे.
इधर, RJD और कांग्रेस में भी सीटों को लेकर गुत्थी नहीं सुलझी है. सूत्रों के मुताबिक, RJD, कांग्रेस को 58 विधानसभा सीट और वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट देने को तैयार है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने अब तक इस फॉमूर्ले को लेकर हरी झंडी नहीं दी है. कांग्रेस के स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख अविनाश पांडेय सभी 243 सीटों पर तैयार रहने की बात कहकर अपने तेवर दिखा चुके हैं.
इस बीच छोटे दलों का गठबंधन आकार ले रहा है. जन अधिकार पार्टी (JAP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने सोमवार को यहां प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन (PDA) बनाने की घोषणा की. इस गठबंधन में चंद्रशेखर आजाद की अध्यक्षता वाली आजाद समाज पार्टी, एम के फैजी के नेतृत्व वाली सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (STPI) और बी.पी. एल. मातंग की बहुजन मुक्ति पार्टी (BMP) शामिल हुई है. पप्पू यादव कहते है कि यह गठबंधन राज्य में 30 सालों के महापाप को अंत करने के लिए बना है.
जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक रहमान कहते हैं कि आज गठबंधन की राजनीति के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं है. क्षेत्र की समस्याओं को दिल्ली में बैठे लोग नहीं जान सकते, यही कारण है कि गठबंधन बन रहा है और सफल हो रहा है. उन्होंने कहा कि UDA आज लोगों के सत्ता और विपक्षी दलों के विकल्प के रूप में उभरा है.
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