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बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार की वापसी हो गई है. नीतीश ने लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. शपथग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए. हालांकि, इस बार नीतीश के डिप्टी बदल गए हैं. सुशील मोदी की जगह तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को ये पद दिया गया है. नीतीश के साथ ही 12 मंत्रियों ने भी शपथ ली है. इन मंत्रियों की पूरी लिस्ट यहां देखिए.
तार किशोर प्रसाद को इस बार बीजेपी ने सुशील मोदी की जगह दी है. वैश्य समाज से आने वाले तारकिशोर प्रसाद की बीजेपी संगठन के अंदर अच्छी पकड़ मानी जाती है. वे कटिहार से चौथी बार विधायक बने हैं. तारकिशोर को पार्टी की तरफ से भी विधायक दल का नेता चुना गया है. ये शांत स्वभाव के हैं लेकिन पार्टी का पक्ष मजबूती के साथ रखते हैं.
रेणु देवी बिहार की पहली महिला उपमुख्यमंत्री बन गई हैं. वो बेतिया से लगातार पांचवीं बार चुनकर आई हैं. रेणु अति पिछड़ा वर्ग के तहत नोनिया समुदाय से आती हैं.
मंगल पांडे बीजेपी के बिहार में कद्दावर नेता है. वो बिहार बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अभी वो विधान परिषद से आते हैं. बिहार की पिछली सरकार में भी वो स्वास्थ्य मंत्री थे.
73 साल के बीजेपी नेता अमरेंद्र प्रताप सिंह ने आरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. वो करीब 3 हजार वोटों से चुनाव जीत गए.
67 साल के बीजेपी नेता रामप्रीत पासवान ने मधुबनी की राजनगर सीट से करीब 19 हजार वोटों से चुनाव जीता है. चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में वो खुद को किसान बताते हैं.
47 साल के बीजेपी नेता जीवेश मिश्रा ने जाले विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के मसकूर अहमद उस्मानी को करीब 22 हजार वोटों से हरा दिया.
47 साल के बीजेपी नेता रामसूरत राय मुजफ्फरपुर की औराई सीट से चुनाव लड़े थे और उन्होंने करीब 48 हजार वोटों से अपना चुनाव जीता.
63 साल के विजय चौधरी जेडीयू नेता हैं और वो इस बार सरायरंजन सीट से चुनाव लड़कर करीब साढ़े तीन हजार वोटों से चुनाव जीते हैं.
जेडीयू नेता विजेंद्र यादव संदेश सीट से चुनाव लड़े थे हालांकि वो करीब 50 हजार वोट से हार गए थे. विजेंद्र खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं. उन्होंने अपने जीवन में कभी पार्टी नहीं बदली, हमेशा से जेडीयू में ही रहे.
जेडीयू नेता अशोक चौधरी सकरा सीट से चुनाव करीब 1500 वोटों से चुनाव जीते. अशोक चौधरी पासी समुदाय से आते हैं. चुनाव आयोग को दिए हलफनामें उन्होंने खुद को किसान बताया है
जेडीयू नेता मेवालाल चौधरी ने तारापुर सीट से चुनाव लड़ा. मेवालाल ने करीब साढ़े पांच हजार वोटों से चुनाव जीता है. ये कोइरी जाति से आते हैं जो OBC के तहत आती है. मेवालाल चौधरी एमएससी हैं और उन्होंने पीएचडी भी किया है.
जेडीयू नेता शीला कुमार फुलपरास सीट से चुनाव लड़ीं और उन्होंने करीब 11 हजार वोटों से जीत दर्ज की वो OBC कैटेगरी से आती हैं. चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में उन्होंने खुद को किसान बताया है.
संतोष मांझी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतनराम के बेटे हैं. जीतनराम मांझी ने अपनी बजाए उन्हें इस बार मंत्री बनाया है. संतोष इस बार चुनाव नहीं लड़े थे. वो अभी बिहार विधानसभा परिषद के सदस्य हैं.
मुकेश सहनी विकासशील इंसा पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष हैं. मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी को एनडीएन ने 11 सीटों पर टिकट दिए थे जिसमें से 4 सीटों पर पार्टी ने जीत दर्ज की थी. मुकेश सहनी खुद सिमरी बख्तियारपुर सीट से चुनाव हार गए थे लेकिन उनकी पार्टी के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें मंत्री बनाया गया है. मुकेश निषाद जाति से आते हैं जो अति पिछड़ा वर्ग में आती है.
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