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बिहार विधानसभा चुनाव में अब दो महीने से भी कम का वक्त बचा है, ऐसे में बाकी पार्टियों की तरह कांग्रेस भी तैयारी में उतर चुकी है. बीजेपी की वर्चुअल रैली के बाद अब कांग्रेस ने भी जनता तक पहुंचने के लिए डिजिटल कैंपेन का सहारा लेना शुरू कर दिया है. एक सितंबर से कांग्रेस, बिहार में 100 विधानसभा सीटों पर वर्चुअल सम्मेलन करने जा रही थी, लेकिन प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद ये रैली तीन दिनों के लिए टाल दी गई है.
कांग्रेस ने इस वर्चुअल सम्मेलन के लिए पार्टी के प्रदेश कार्यालय पटना के सदाकत आश्रम में वर्चुअल मंच बनाया है जहां पर प्रदेश के 4 बड़े नेता मौजूद होंगे. वहीं इस सम्मेलन में दिल्ली से भी कांग्रेस के नेता जुड़ेंगे. जो क्षेत्र के जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे.
फिलहाल कांग्रेस पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर "बिहार में अंधकार, नाकाम हुई सरकार" कैंपेन चलाकर नीतीश कुमार और बीजेपी की सरकार को घेर रही है. इसके अलावा "बिहार का संकल्प, बदलाव ही विकल्प" भी कैंपेन का हिस्सा है.
बता दें कि इससे पहले 7 अगस्त को राहुल गांधी बिहार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअल रैली कर चुके हैं. इस रैली के लिए कांग्रेस पार्टी ने #राहुल_की_पुकार_बदलें_बिहार नाम से कैंपेन चलाया था.
बता दें कि बिहार में बीजेपी ने सबसे पहेल 7 जून से बिहार में डिजिटल इलेक्शन वॉर का आगाज किया था. BJP के पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने जनसंवाद कार्यक्रम के जरिए चुनावी प्रचार का बिगुल फूका था.
कोरोना संक्रमण काल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ जनता दल-युनाइटेड ने भी अब वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर आम लोगों से संपर्क करने की तैयारी कर ली है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 6 सितंबर को पहली वर्चुअल रैली को संबोधित करेंगे. इसके लिए एक डिजिटल मंच जदयूलाइवडॉटकॉम बनाया है, जिसका जल्द ही उद्घाटन होने वाला है. मुख्यमंत्री की रैली को पार्टी फेसबुक और ट्विटर हैंडल पर भी प्रसारित किया जाएगा.
बता दें कि चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि कोरोना की वजह से चुनाव नहीं रोके जाएंगे और अपने सही वक्त पर ही होंगे.
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