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बिहार चुनाव को लेकर अब सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हैं, लेकिन इसके साथ ही सीट शेयरिंग को लेकर भी जमकर जद्दोजहद जारी है. एनडीए में जहां सीट शेयरिंग को लेकर लगभग फॉर्मूला तय हो चुका है और सिर्फ एलजेपी नाराज बताई जा रही है. वहीं अब बताया जा रहा है कि महागठबंधन में कांग्रेस भी करीब 68 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए राजी हो चुकी है. हालांकि अभी तक इसका आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है. कांग्रेस के अलावा बाकी अन्य दलों के साथ सीट शेयरिंग को लेकर बात चल रही है.
क्विंट के सूत्रों ने बताया कि महागठबंधन के बड़े नेताओं के बीच गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे तक बैठक चलती रही. जिसके बाद कांग्रेस को 65 से लेकर 68 सीटें देने की बात हुई, जिस पर कांग्रेस ने लगभग हामी भर दी है. यानी 243 सीटों में से कांग्रेस बिहार में 65 से 68 सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है. वहीं वाम दलों के लिए 29 सीटों पर बात हुई है. इसके अलावा बाकी दलों को लेकर अंतिम फैसला मुख्य विपक्षी दल आरजेडी लेगा.
बता दें कि पिछले चुनाव में कांग्रेस बिहार में कुल 41 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. लेकिन उस चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भी महागठबंधन का हिस्सा थी. वहीं इस बार नीतीश बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. जेडीयू ने 2015 में 101 सीटों पर चुनाव लड़ा था, इसीलिए इन सीटों पर अब कांग्रेस और अन्य दलों के उम्मीदवारों को मौका दिया जाएगा. वहीं आरजेडी ने भी 101 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार तेजस्वी यादव अपने लिए करीब 30 से ज्यादा सीटों का इजाफा कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि आरजेडी 130-136 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.
गुरुवार रात कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की समझ पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर लालू प्रसाद होते तो सीट बंटवारे में इतनी देर नहीं होती. इसके बाद शुक्रवार को आरजेडी ने भी कांग्रेस पर तीखा सियासी हमला बोला था.
बिहार में कुल 243 विधानसभा की सीटें हैं और इस साल तीन चरणों में होने वाले विधानसभा के पहले चरण के तहत 28 अक्टूबर को मतदान होना है. इसके बाद 10 नवंबर को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे.
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