advertisement
नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.ये लगातार चौथी बार है, 7 बार के वो बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. जो अपने आप में ऐतिहासिक है. लेकिन जितना शानदार ये नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर दिखता है, उतना भी आसान नहीं रहा है. 2005 में बिहार में जीत हासिल करने के बाद नीतीश कुमार ने अपने प्रयासों से राज्य को विकसित करने के लिए काफी प्रसिद्धि पाई.
नीतीश का जन्म 1951 में हुआ. उनके पिता कविराज राम लखन सिंह आयुर्वेदिक डॉक्टर थे. उन्होंने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, जिसे अब NIT पटना के नाम से भी जाना जाता है. 1974 से 1977 तक, एक छात्र के तौर पर नीतीश जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में आपातकाल के खिलाफ आंदोलन का हिस्सा रहे थे.नीतीश इस सिलसिले में जेल भी गए थे.
कभी लालू यादव के 'चाणक्य' कहे जाने वाले नीतीश कुमार ने 1994 में जनता दल से नाता तोड़कर समता पार्टी बनाई. जिसके बाद दोनों दोस्त एक दूसरे के प्रतिद्वंदी बन गए. कुछ सालों बाद, उन्होंने बीजेपी से हाथ मिला लिया.
2000 में नीतीश सिर्फ 7 दिनों के लिए बिहार के मुख्यमंत्री बनें. 2005 में लालू यादव और राबड़ी देवी के 15 सालों के शासन का अंत कर वो फिर से मुख्यमंत्री बनें.
मोदी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किए जाने को लेकर 2013 में उन्होंने NDA से नाता तोड़ लिया. RJD और कांग्रेस के साथ 'महागठबंधन' बनाकर 2015 विधानसभा चुनाव में उन्होंने जीत हासिल कीलेकिन गठबंधन लंबा नहीं चला.
2017 में सीएम ने एक बार फिर यू-टर्न लिया और NDA का दामन थाम लिया. नीतीश का पिछला कार्यकाल उतार-चढ़ाव भरा रहा है.
2020 चुनाव प्रचार के दौरान आलोचना झेलने के बावजूद नीतीश कुमार बिहार चुनावों में जीत हासिल करने में कामयाब रहें
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)