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बिहार सरकार के 14 मंत्रियों में से 13 करोड़पति हैं और इन मंत्रियों की औसत संपत्ति 3.93 करोड़ रुपये है. बिहार इलेक्शन वॉच एंड एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने बिहार सरकार के मंत्रियों के हलफनामे का विश्लेषण किया है. ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा संपत्ति रखने वाले मंत्रियों में तारापुर निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए मेवा लाल चौधरी टॉप पर हैं, जिनके पास 12.31 करोड़ रुपये की संपत्ति है. ये शिक्षामंत्री बनाए गए हैं औऱ इनपर कई आपराधिक केस भी हैं, शिक्षक भर्ती घोटाले में इनका नाम सामने आया था, विपक्ष अब पूछ रहा है कि ऐसे दागी विधायक को नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल में क्यों जगह दी है.
सबसे कम घोषित संपत्ति वाले मंत्री अशोक चौधरी हैं, जिन्होंने अपनी 72.89 लाख रुपये की संपत्ति की घोषणा की है. बता दें कि इस रिपोर्ट में ADR ने मंत्री रामसूरत कुमार का शपथपत्र साफ ना होने की वजह से उनका विश्लेषण नहीं किया है. कुल 8 मंत्रियों ने अपनी देनदारियां भी बताई हैं, जिसमें सबसे ज्यादा देनदारी सिमरी बख्तियारपुर निर्वाचन क्षेत्र के मुकेश सहानी की है. इन मंत्री पर 1.54 करोड़ रुपये का कर्ज है.
एजुकेशन क्वॉलिफिकेशन की बात करें तो 15 में से 4 मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं और 12वीं कक्षा के बीच बताई है, वहीं 10 मंत्रियों ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षिक योग्यता दिखाई है. चार मंत्रियों के पास पीएचडी की डिग्री है. मुकेश सहनी नॉन मैट्रिक हैं. डिप्टी सीएम रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद इंटर पास हैं.
इन 15 में से 57 फीसदी यानी 8 मंत्रियों के ऊपर आपराधिक मामले हैं, इनमें 6 मंत्रियों ने इपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. 6 मंत्रियों ने अपनी उम्र 41 से 50 के बीच बताई और 8 मंत्रियों ने 51 से 75 साल के बीच बताई है.
बता दें कि 243 सीटों के इन विधानसभा चुनावों में एनडीए ने 125 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर ली, जबकि तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं. महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल को 70, कांग्रेस को 19 और वामपंथी दलों (सीपीआई-एमएलएल, सीपीआई-एम और सीपीआई) को 18 सीटें मिली हैं.
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