advertisement
बिहार की चुनावी राजनीति में बाहुबलियों का जलवा बरकरार है. इनमें से भले ही कुछ नेता जेल में हों या कुछ किनारे कर दिए गए हों लेकिन ज्यादातर ने अपनी पत्नी या रिश्तेदारों को लोकसभा चुनाव के मैदान में उतार दिया है.
बिहार के बाहुबलियों में सबसे चर्चित आरजेडी नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब सीवान से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं तो जेडी (यू) ने भी उनके धुर विरोधी बाहुबली नेता अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह को उतारा है. शहाबुद्दीन खुद चार बार सीवान से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. लेकिन फिलहाल एक मर्डर केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं. शहाब को 2014 में बीजेपी के ओमप्रकाश यादव से मात खानी पड़ी थी.
बाहुबलियों की पत्नियों और रिश्तेदारों को टिकट देने में कोई पार्टी पीछे नहीं है. कांग्रेस ने नीलम देवी को मुंगेर सीट से उतारा है, जो बाहुबली नेता बने अनंत सिंह की पत्नी हैं. उनका मुकाबला जेडी (यू) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह से है. अनंत सिंह मोकामा से जेडी (यू) के विधायक रह चुके हैं. उन पर 16 क्रिमिनल केस हैं. अनंत सिंह खुद चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे होने की वजह से कांग्रेस ने उनकी पत्नी को उतारा. बाढ़, मोकामा, लखीसराय और मुंगेर में अनंत सिंह की तूती बोलती है और उन्हें छोटे सरकार कहा जाता है.
एक और बाहुबली नेता राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन सुपौल सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं. रंजन यहां से 2014 में चुनाव जीत चुकी हैं. नब्बे के दशक में बिहार के कोशी इलाके में पप्पू यादव का आतंक था. पूर्णिया के सीपीएम लीडर अजित सरकार की हत्या के आरोप में पप्पू कई साल जेल में रह चुके हैं.
बिहार के एक और चर्चित बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह की पत्नी लवली आनंद शिवहर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतर रही हैं. जबकि आनंद मोहन सिंह एक डिस्ट्रिक्ट मर्जिस्ट्रेट की हत्या के आरोप में सहरसा जेल में बंद हैं. लवली आनंद टिकट पाने की उम्मीद में हाल में ही कांग्रेस में शामिल हो गई थीं लेकिन सीट शेयरिंग में यह शिवहर आरजेडी के पास चला गया. टिकट न मिलने से नाराज लवली अब निर्दलीय कैंडिडेट को तौर पर यहां से चुनाव लड़ेंगी.
कुछ बाहुबली नेताओं ने अपने भाइयों और बेटों को मैदान में उतारा है. इनमें रणधीर सिंह आरजेडी के टिकट से महाराजगंज से लड़ रहे हैं. रणधीर सिंह प्रभुनाथ सिंह के बेटे हैं. प्रभुनाथ 22 साल पुराने एक मर्डर केस में 2017 में दोषी ठहराए गए थे और अब झारखंड के हजारीबाग जेल में बंद हैं. महाराजगंज, सारन और सीवान में कभी उनका आतंक हुआ करता था.
रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ने अपराध की दुनिया से राजनीति में आए सूरजभान सिंह के भाई चंदन सिंह को नवादा से टिकट दिया है. सूरजभान की पत्नी वीणा देवी 2014 में मुंगेर से चुनाव जीत चुकी हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined