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बीजेपी के लिए इंदौर लोकसभा सीट काफी बड़ा सिरदर्द बनती हुई दिख रही है. सुमित्रा ताई के बाद अब कैलाश विजयवर्गीय ने भी चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. इससे पहले बताया जा रहा था कि विजयवर्गीय को इंदौर लोकसभा सीट से बीजेपी अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है. लेकिन इससे पहले विजयवर्गीय ने खुद ट्वीट कर सभी अटकलों को खत्म कर दिया.
कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा, 'BJP के प्रत्येक कार्यकर्ता का सिद्धांत है- नेशन फर्स्ट, पार्टी सेकेंड, सेल्फ लास्ट. जहां सवाल देशहित और पार्टी हित का हो वहां स्वयं का कोई महत्व नहीं रह जाता. हमारे सामने पश्चिम बंगाल में पार्टी को अधिकाधिक सीटे जिताने का लक्ष्य है,यह लक्ष्य जितना बड़ा है उतनी ही बड़ी चुनौती भी है.'
कैलाश विजयवर्गीय ने बंगाल का जिक्र करते हुए कहा कि वहां रहना ही मेरा कर्तव्य है. उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, 'इंदौर की जनता, कार्यकर्ता व देशभर के शुभचिंतकों की इच्छा है कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूं, पर हम सभी की प्राथमिकता समर्थ और समृद्ध भारत के लिये मोदी जी को दोबारा PM बनाना है. पश्चिम बंगाल की जनता मोदीजी के साथ खड़ी है, मेरा बंगाल रहना कर्तव्य है, इसलिए मैंने चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है'.
विजयवर्गीय ने अपने इस फैसले को देशहित में बताया. उन्होंने लिखा, आशा है कि आप भी देशहित एवं पार्टी हित के मेरे निर्णय से सहमत होंगे व पार्टी जिन्हें भी प्रत्याशी बनायेगी, उनकी जीत के लिये, जी जान से जुट जायेंगे. उन्होंने इसके बाद वोटर्स से अपनी पार्टी के लिए वोट डालने की अपील की.
इससे पहले सुमित्रा महाजन ने भी एक लेटर जारी कर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. पिछले 30 सालों में बीजेपी के लिए लगातार आठ बार इंदौर सीट जीतने वाली महाजन ने इस क्षेत्र के टिकट को लेकर पार्टी के "अनिर्णय" पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने खुद ही अपनी दावेदारी वापस लेकर बीजेपी को "चिंतामुक्त" कर दिया है.
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