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पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी है. टीएमसी की ओर से ममता बनर्जी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज मैदान पर थे, लेकिन एक बार फिर बंगाल में बीजेपी का रंग नहीं चढ़ पाया. वहीं अगर 2019 लोकसभा चुनाव के बाद की बात करें ताे बीजेपी कई राज्यों में पिछड़ गई है. आइए जानते हैं 2019 के बाद बीजेपी ने क्या पाया और क्या खोया.
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ऐतिहासिक सीटों के साथ सत्ता पर काबिज हुई थी. उसी साल 7 राज्यों (आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड) में चुनाव हुए थे. जिसमें बीजेपी की राजनीति देखने को मिली. कुछ राज्यों में तो पार्टी ने वोटों से राज किया तो कुछ में नीति से राज कर रही है. हरियाणा, सिक्किम और मध्यप्रदेश में बीजेपी ने नीति से सत्ता हथिया. 2019 के बाद से तमाम परिणाम पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि बीजेपी के हाथों से राज्यों का जनादेश रेत की तरह फिसल रहा है. 2019 आम चुनाव के बाद अब तक के 10 विधानसभा चुनावों में NDA को केवल चार राज्यों में जीत मिली है. वहीं अब पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है.
कुछ लोगों का सवाल हो सकता है कि हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी थी फिर उसको हारा कैसे मान सकते हैं. जवाब ये है कि महाराष्ट्र में बीजेपी अपने व्यवहार से अपने पुराने साथी को साथ नहीं बरकरार रख सकी और इस वजह से उसे सत्ता से बेदखल होना पड़ा. वहीं हरियाणा में बीजेपी को पिछले चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला था लेकिन 2019 में वो बहुमत से दूर रह गई थी, जिसके बाद उसे जेजेपी का साथ लेना पड़ा. कुल मिलाकर बीजेपी यहां भी अपने दम पर सरकार नहीं बना पाई.
आंध्र प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी, जबकि पिछले विधानसभा (2014) चुनावों में बीजेपी ने वहां 4 सीटें जीती थीं.
ओडिशा विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 23 सीटें मिलीं. बीजेपी यहां पिछले चुनावों में सिर्फ 10 सीट जीत पाई थी. यानी ओडिशा में बीजेपी को 10 सीटों का फायदा हुआ.
अरुणाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 60 में से 41 सीटों पर जीत मिली थी. इससे पहले हुए चुनावों में बीजेपी के खाते में सिर्फ 11 सीटें ही आई थी.
सिक्किम में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. लेकिन परिणाम के कुछ महीनों बाद सिक्किम में 25 सालों तक शासन करने वाली सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के 10 विधायक रातोंरात पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए थे.
हरियाणा में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 90 में सिर्फ 40 सीटों पर जीत हासिल हुई. जबकि पिछले चुनावों (2014) में बीजेपी के पास 47 सीटें आई थीं. हरियाणा में सरकार बनाने के बीजेपी को जननायक जनता पार्टी से गठबंधन करना पड़ा.
महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 105 सीटों पर जीत मिली थी. इससे पहले के चुनाव (2014) में बीजेपी को कुल 122 सीटों पर जीत मिली थी. यानी चुनावों में बीजेपी को कुल 17 सीटों का नुकसान हुआ.
झारखंड चुनाव में बीजेपी 25 सीटों पर सिमट गई थी, जो कि 2014 से 12 सीटें कम हैं.
2019 में झारखंड और महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी से मुक्त हो गए थे, क्योंकि यहां बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई.
2020 की बात करें तो एक बार फिर दिल्ली बीजेपी से दूर रह गई. यहां एक बार फिर आप ने कमाल दिखाया.
महाराष्ट्र और झारखंड से पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे तीन बड़े राज्य बीजेपी के हाथ से निकल चुके थें. लेकिन बीजेपी ने अपनी नीति का प्रयोग करते हुए मध्य प्रदेश में एक बार फिर से सत्ता हथिया ली थी.
2019 के आम चुनावों में मोदी मैजिक देखने को मिला, लेकिन अगर उसी मैजिक तुलना असेंबली इलेक्शन में करें तो यहां पिक्चर बदल जाती है. असेंबली इलेक्शन में बीजेपी के वोट शेयर में कम देखने को मिलती है.
2019 आम चुनाव में बीजेपी को बंगाल से 40.25 फीसदी मत प्राप्त हुये थे, जबकि इस बार के विधानसभा चुनाव में वोट शेयर घटकर 38.1 फीसदी रह गया है.
तमिलनाडु की बात करें तो लोक सभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 3.66 फीसदी था वहीं इस बार के चुनाव परिणाम को देखें तो यह 2.62 पर आ गया है.
आम चुनाव में बीजेपी को असम में 36.05 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि इस बार असेंबली इलेक्शन में 33.21 प्रतिशत वोट मिले हैं.
केरल में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को 12.93 फीसदी मत मिले थे, वहीं इस बार असेंबली इलेक्शन में 11.30 वोट मिले हैं.
बिहार में बीजेपी में ने लोकसभा चुनाव में 23.57 फीसदी मत अपने नाम किए थे, जबकि विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खाते में 19.46 फीसदी मत गए हैं.
दिल्ली की बात करें तो जहां आम चुनाव में बीजेपी के 55.56 फीसदी मत थे, वहीं विधानसभा चुनाव में पार्टी के खाते में 38.51 फीसदी वोट आए.
झारखंड में BJP ने लोकसभा में 50.96 प्रतिशत मत अपनी झोली डाले थे, वहीं विधानसभा में यह कम होकर 33.37 फीसदी पर आ गए.
हरियाणा में बीजेपी ने आमचुनाव के दौरान जहां 58.02 फीसदी वोट हासिल किए थे, वहीं विधानसभा चुनाव में पार्टी को 36.49 फीसदी मत मिले थे.
महाराष्ट्र की बात करें तो लोकसभा चुनाव में BJP को 27.59 प्रतिशत मत मिले थे, लेकिन विधानसभा चुनाव में इसमें गिरावट देखने को मिली और पार्टी को 25.75 प्रतिशत वोटों से ही संतोष करना पड़ा.
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Published: 03 May 2021,01:04 PM IST