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कैराना में दो दलित वोटरों को वोट देने से रोकने की खबरों के बाद बहुजन पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों हमलावर हो गए हैं. बीएसपी ने इस बारे में चुनाव आयोग को शिकायत भेज कर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है. समाजवादी पार्टी ने भी यह मुद्दा उठाया है और दलितों को वोट देने से रोकने को पाप और जुर्म करार दिया है.
बीएसपी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि कई बूथों पर बीएसपी वोटरों खास कर दलितों को वोटिंग से रोका गया. यूपी पुलिस तो उन्हें रोकने के लिए डंडे का इस्तेमाल कर रही है और यह सब अपर कास्ट के लोगों के इशारे पर हो रहा है. इसे तुरंत रोका जाना चाहिए नहीं तो चुनाव का कोई मतलब नहीं है. समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि दलितों को वोट देने से रोकना अपराध और पाप है.
कैराना में शामली नया बाजार के एक बूथ पर वोट देने गए राम प्रसाद और रानी गौतम ने आरोप लगाया था कि वोटर लिस्ट में नाम होने के बावजूद उन्हें वोट देने नहीं देने दिया गया. उन्होंने कहा कि दलित होने की वजह से उनका अपमान किया गया. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि वोटर आई-कार्ड न होने की वजह से उन्हें वोटिंग से रोका गया.
सतीश चंद्र मिश्रा ने डीजीपी ओपी सिंह पर मतदाताओं को उनके अधिकार से वंचित करने का आरोप लगाया है. बीएसपी के निशाने पर डीजीपी ओपी सिंह हैं. सतीश चंद्र मिश्रा ने डीजीपी को फोन किया. इसके बाद सतीशचंद्र मिश्रा और ओपी सिंह के बीच कहासुनी की भी खबरें हैं. डीजीपी ने इस मामले में चुनाव आयोग से शिकायत की है. कैराना में वर्तमान सांसद तबस्सुम हसन आरएलडी-एसपी और बीएसपी की संयुक्त उम्मीदवार हैं.
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