Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Chhattisgarh election  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भूपेश बघेल, जिनकी चतुर चाल से चित हुए रमन और जोगी जैसे खिलाड़ी

भूपेश बघेल, जिनकी चतुर चाल से चित हुए रमन और जोगी जैसे खिलाड़ी

भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं

क्विंट हिंदी
छत्तीसगढ़ चुनाव
Updated:
 छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल  
i
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल  
(फोटोः @Bhupesh_Baghel)

advertisement

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की धमाकेदार जीत हुई. पार्टी ने 90 में से 68 सीटों पर कब्जा जमाया, अब कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने राज्य के नए मुख्यमंत्री का ऐलान कर दिया है. छत्तीसगढ़ विधानसभा कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ही राज्य के अगले सीएम होंगे. रविवार को पार्टी की विधायक दल मीटिंग में भूपेश बघेल को नेता चुना गया. आइए नजर डालते हैं उनके राजनीतिक सफर पर....

भूपेश बघेल ओबीसी के बड़े नेता हैं और छत्तीसगढ़ की आबादी में करीब 36 फीसदी हिस्सेदारी ओबीसी की है.भूपेश साल 2000 में हुए मध्य प्रदेश विभाजन से पहले दिग्विजय सिंह की सरकार में मंत्री रह चुके हैं.

2018 के विधानसभा चुनावों से पहले बघेल ने कांग्रेस को पुर्नजीवित करने के लिए राज्य का पैदल दौरा किया था. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के नाते भूपेश बघेल ने अपने तेवरों से छत्तीसगढ़ की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान बनाया और अब वो पूरे राज्य की जिम्मेदारी लेने जा रहे हैं.

भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के पाटन तहसील में हुआ. 1985 में भूपेश बघेल कांग्रेस से जुड़े और तब से राजनीति कर रहे हैं. पहली बार 1993 में विधायक बने थे. पाटन उनकी पारंपरिक सीट है और हमेशा से वो इसी सीट से लड़ते आए हैं.

हालांकि साल 2008 के विधानसभा चुनाव में वो हार गए थे लेकिन 2013 में वो फिर से जीते. इस बीच साल 2009 और 2014 के आम चुनाव में उन्होंने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन दोनों ही बार उन्हें शिकस्त मिली.

पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं के साथ भूपेश बघेल

पूर्व कांग्रेस नेता स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर को भूपेश बघेल अपना राजनीतिक गुरू मानते हैं और वो कहते हैं कि मेरे तीन मंत्र हैं जो 1993 में चंदूलाल चंद्राकर ने ही उन्हें बताए थे जिस पर वो हमेशा अमल करते हैं.

  • हमेशा पार्टी के नेता के आदेश को मानूंगा
  • मीडिया के जरिए राजनीति नहीं करूंगा
  • घर चलाने के लिए पैतृक बिजनेस के अलावा कोई काम नहीं करूंगा

खत्म की गुटबाजी

छत्तीसगढ़ में 15 साल तक सत्ता से बाहर रहने के बाद प्रदेश में कांग्रेस पार्टी बिखर सी गई थी. कई वरिष्ठ नेता एक दूसरे से नाराज थे और पार्टी में गुटबाजियां चल रही थीं. ऐसे समय में भूपेश बघेल ने कांग्रेस पार्टी के संगठन को मजबूत किया और रूठों के मनाते हुए आज सत्ता में सबसे ऊपर पहुंच गए हैं.

रैली को संबोधित करते हुए भूपेश बघेल
पिछले साल बीजेपी सरकार के एक मंत्री राजेश मूणत की कथित सेक्स सीडी सामने आई थी. इस मामले में कथित कनेक्शन होने के आरोप में बीजेपी की सरकार में भूपेश बघेल की गिरफ्तारी हुई. इस गिरफ्तारी का राज्य में जमकर विरोध किया गया था.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बघेल के कुछ काम जिनसे किसानों में कांग्रेस की स्थिति मजबूत हुई

1. धान खरीद में लिमिट लगी तो भूपेश बघेल ने राज्यभर के किसानों से अपील की कि वो सरकार को धान नहीं बेचें, राज्य सरकार को झुकना पड़ा और लिमिट 10 क्विंटल से बढ़ाकर 15 क्विंटल करनी पड़ी.

2. किसानों का भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार बनने का भरोसा इतना ज्यादा था कि जब कांग्रेस ने घोषणा पत्र में कहा कि अगर सरकार बनी तो 2500 रुपए क्विंटल भाव पर धान खरीदी होगी तो बड़े पैमाने पर किसानों ने नतीजा आने तक सरकार को धान बेचने से ही इनकार कर दिया

3. आदिवासी इलाकों में पट्टे रद्द करने का फैसला कांग्रेस के आंदोलन की वजह से रमन सिंह सरकार को वापस लेना पड़ा, आदिवासियों के बीच समर्थन बनाने में कांग्रेस के बहुत काम आया.

4. गांवों के बजट में छेड़छाड़ करने के सरकार के कदम का भी बघेल ने विरोध किया खास तौर पर मोबाइल टावर लगाने में रमन सिंह सरकार ने ग्रामसभा के पैसे का इस्तेमाल करने का ऐलान किया तो भूपेश बघेल की अगुआई में कांग्रेस ने आंदोलन छेड़ा रमन सिंह सरकार को ये कदम वापस लेना पड़ा.

5.इसी तरह बघेल ने राशन कार्ड रद्द करने के खिलाफ आंदोलन किया और इन आंदोलनों से उनकी इमेज जनता के काम करने वाले नेता के तौर पर बनती चली गई.

जोगी से है लंबी तकरार...

भूपेश बघेल को जोगी परिवार दुश्मन मानता है क्योंकि उन्होंने ही अजित जोगी के बेटे अमित जोगी को पार्टी से बर्खास्त किया. इसके बाद अजित जोगी को पार्टी से बाहर जाना पड़ा.

अजित जोगी(फोटो: फेसबुक)

अजित जोगी की पत्नी रेणु जोगी के कांग्रेस में रहने के बावजूद इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं देने पर अड़े रहे. इस तरह पूरे जोगी परिवार को बघेल ने कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखा दिया.

छत्तीसगढ़ में चुनाव भाषणों के दौरान अजित जोगी अक्सर भाषणों में जिक्र करते थे कि किस तरह कांग्रेस ने उनके परिवार को निशाना बनाया और लोग कांग्रेस की सरकार नहीं बनने देंगे.  पर आखिरकार तमाम जोखिम लेने के बावजूद भूपेश बघेल ही मुख्यमंत्री बनने में कामयाब भी रहे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 16 Dec 2018,02:42 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT